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Suryadev Puja and Vrat: रविवार के दिन इस तरह करें सूर्यदेव की पूजा और व्रत, पढ़ें महत्व

Suryadev Puja and Vrat रविवार के दिन अगर सूर्यदेव की पूजा की जाए तो व्यक्ति को धन-संपदा और सुखमय जीवन की प्राप्ति होती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 07:00 AM (IST)
Suryadev Puja and Vrat: रविवार के दिन इस तरह करें सूर्यदेव की पूजा और व्रत, पढ़ें महत्व
Suryadev Puja and Vrat: रविवार के दिन इस तरह करें सूर्यदेव की पूजा और व्रत, पढ़ें महत्व

Suryadev Puja and Vrat: रविवार के दिन अगर सूर्यदेव की पूजा की जाए तो व्यक्ति को धन-संपदा और सुखमय जीवन की प्राप्ति होती है। सूर्योपनिषद के अनुसार, वो सूर्य ही हैं जो संपूर्ण जगत का पालन करते हैं। संपूर्ण जगत की अंतरात्मा सूर्य ही है। रविवार का दिन सूर्यदेव को ही समर्पित है। अगर आपको अपने जीवन में सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति चाहिए तो सूर्यदेव की पूजा कर सकते हैं। साथ ही सूर्यदेव का व्रत भी कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको यह बता रहे हैं कि सूर्यदेव का व्रत कैसे किया जाए।

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इस तरह करें सूर्य देव का व्रत:

1. ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। सूर्यदेव का स्मरण करें।

2. इस दिन आपको एक समय ही भोजन करना होगा।

3. इस दिन भोजन सूर्य के प्रकाश रहते ही करें।

4. आखिरी में सूर्य देव की व्रत कथा सुनें।

5. इस दिन तेल से बना हुआ नमकीन खाना नहीं खाना चाहिए। साथ ही सूर्य अस्त होने के बाद भी भोजन नहीं करना चाहिए।

इस तरह करें सूर्य देव की पूजा:

सूर्य देवता की पूजा के लिए किसी भी आसन की जरूरत नहीं होती है। इनकी पूजा खड़े रहकर करनी होती है। व्यक्ति को हमेशा उगते हुए सूर्य की ही पूजा करनी चाहिए। व्यक्ति को सूर्य की पहली किरण के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए। इससे व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके लिए आपको कुमकुम, लाल फूल, चावल, दीपक, ताम्बे की थाली और ताम्बे का लोटा चाहिए होता है। इनसे सूर्य को अर्घ्य दें।  

सूर्यदेव की पूजा का महत्व:

सूर्य हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व रखता है। अगर इनकी पूजा की जाए तो व्यक्ति को उसकी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों के अनुसार, ऋषि दुर्वासा के शाप से कुष्ठ रोग ग्रस्त श्री कृष्ण पुत्र साम्ब ने सूर्य की आराधना की थी और इस रोग से मुक्ति पाई थी। मान्यता है कि अगर सूर्योदय के समय उन्हें अर्घ्य दिया जाए तो व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।  


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