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Surya Mantra: रविवार को करें भगवान सूर्य के इन मंत्रों का जाप, दुख और विपत्तियों से मिलेगा छुटकारा

Surya Mantra ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हर काम में सफलता पाने के साथ घर में खुशहाली बनी रहें तो इसके लिए भगवान सूर्य की पूजा करने का विशेष महत्व है। जानिए हर रविवार के दिन भगवान सूर्य के किन मंत्रों का करें जाप।

By Shivani SinghEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 07:35 AM (IST)
Surya Mantra: रविवार को करें भगवान सूर्य के इन मंत्रों का जाप, दुख और विपत्तियों से मिलेगा छुटकारा
Surya Mantra: रविवार को करें इन मंत्रों का जाप

नई दिल्ली, Surya Mantra: पंचांग के अनुसार, रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। आज के दिन भगवान सूर्य की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऋग्वेद के देवताओं कें सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान है। माना जाता है कि रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर लाल फूल, सिंदूर, अक्षत, मिश्री डालकर अर्घ्य करने से सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने के साथ इन मंत्रों का जाप भी करना फलदायी साबित होगा। जानिए सूर्य की पूजा के समय किन मंत्रों का जाप करना लाभकारी होगा।

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सूर्य प्रार्थना मंत्र

सूर्य भगवान की प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।

विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।

सूर्याष्टकम

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।

दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते

सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।

श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम् ।

महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम् ।

महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

बृंहितं तेजःपुञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।

प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

बन्धुकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम् ।

एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेजः प्रदीपनम् ।

महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।

महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्

सूर्य कवच

श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।

शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।

देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम।

ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत्।।

शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:।

नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर:।।

ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:।

जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित:।।

सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके।

दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय:।।

सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:।

सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति।।

कामना पूर्ति के लिए करें भगवान सूर्य के इन मंत्रों का जाप

  • ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
  • ॐ सूर्याय नम: ।
  • ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ ।

Pic Credit- instagram/hindutav

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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