Shattila Ekadashi 2020: षटतिला एकादशी को क्यों करते हैं काले तिल से पूजा? जानें महत्व
Shattila Ekadashi 2020 आज षटतिला एकादशी व्रत है जिसमें काले तिल का प्रयोग होता है। आज षटतिला एकादशी व्रत के दिन काले मिल का 6 तरह से उपयोग होता है।
Shattila Ekadashi 2020: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी मनाई जाती है। आज षटतिला एकादशी व्रत है, जिसमें काले तिल का प्रयोग होता है। आज षटतिला एकादशी व्रत के दिन काले मिल का 6 तरह से उपयोग होता है। षटतिला एकादशी को सभी एकादशी में अत्यधिक महत्व प्राप्त है। आज के दिन अन्न दान करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
षटतिला एकादशी में काले तिल का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन जो व्रत रखता है और काले तिलों का दान करता है। वह व्यक्ति उतने ही हजार वर्ष तक स्वर्ग में वास करता है। व्रत के प्रभाव से उसे सभी कष्ट मिट जाते हैं, पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
छह तरह से होता है तिल का प्रयोग
षटतिला एकादशी व्रत में काले तिल का 6 प्रकार से प्रयोग होता है। इस दिन काले तिल का उबटन लगाते हैं, तिल मिश्रित जल से स्नान करते हैं, तिल से हवन करते हैं, तिल से तर्पण करते हैं, तिल का भोजन करते हैं और विशेष रूप से तिलों का दान किया जाता है।
षटतिला एकादशी को क्या करें, क्या न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, षटतिला एकादशी व्रत के दिन तिल से भरा हुआ बर्तन दान किया जाता है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि तिलों को बोने से जो पौधे उगते हैं, उनमें जितनी शाखाएं निकलती हैं, उतने हजार वर्षों तक दान करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है।
माघ मास की इस एकादशी में यदि धन का दान न कर पाएं तो अन्न का दान जरूर करें। इतना भी न हो सके तो सुपारी का दान भी कर सकते हैं।
जो व्यक्ति स्वास्थ्य या अन्य कारणों से षटतिला एकादशी व्रत करने में सक्षम नहीं है, उसे सात्विक भोजन करना चाहिए। खान-पान में संयम रखना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का त्याग करना चाहिए, जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडा आदि न खाएं।
एकादशी के दिन व्रती समेत सभी लोगों को झूठ नहीं बोलना चाहिए, मन में किसी के लिए गलत बात न लाएं या गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए। आज के दिन चावल खाना भी वर्जित होता है।