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Shanidev Mantra: कष्टों के निवारण करने के लिए शनिदेव के इन मंत्रों का करें जाप

ShaniDev Mantra इन मंत्रों से केवल ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव ही नहीं बल्कि व्यक्ति के कष्टों का निवारण हो जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 08:30 AM (IST)
Shanidev Mantra: कष्टों के निवारण करने के लिए शनिदेव के इन मंत्रों का करें जाप
Shanidev Mantra: कष्टों के निवारण करने के लिए शनिदेव के इन मंत्रों का करें जाप

ShaniDev Mantra: आज शनिवार है शनि देव का दिन। कहते हैं कि जिस पर शनि की शुभ दृष्टि होती है तो वो रंक को राजा बना सकती है। वहीं, अगर किसी पर शनि महाराज की बुरी दृष्टि होती है तो राजा को रंक बना देती है। शनि की शांति के लिए शनि महाराज की पूजा करनी आवश्यक होती है। लोगों पर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने के लिए शनि के विभिन्न मंत्रो का जाप करना भी फलदायक माना गया है। इन मंत्रों से केवल ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव ही नहीं बल्कि व्यक्ति के कष्टों का निवारण हो जाता है।

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श्री शनि वैदिक मंत्र:

ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः।

इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति पर से शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है। इसे श्री शनि वैदिक मंत्र कहा जाता है। कहा जाता है कि अगर इस मंत्र का जाप किया जाए तो इससे शनिदेव प्रसन्न हो जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि अगर इस मंत्र का जाप 23000 हजार बार किया जाए तो इससे साढे़साती का प्रभाव कम हो जाता है।

श्री शनि पौराणिक मंत्र:

श्री नीलान्जन समाभासं ,रवि पुत्रं यमाग्रजम।

छाया मार्तण्ड सम्भूतं, तं नमामि शनैश्चरम ।।

सूर्यदेव के पुत्र हैं शनिदेव। शनिदेव को नौ ग्रहों का राजा कहा जाता है। शनिदेव ही हैं जो व्यक्ति को उनके कर्मों का फल देते हैं। शनिवार को शनिदेव पर तेल चढ़ाना बेहद शुभ होता है।

श्री शनि बीज मंत्र:

ॐ शं शनैश्चरायै नम:

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

शनिवार, शनिदेव का दिन है और इस दिन स्‍नान के बाद काले वस्‍त्र धारण करें। शनिदेव की मूर्ति के साने जाकर इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप घर या मंदिर में कहीं भी किया जा सकता है।

शनि पत्नी मंत्र:

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।

कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।

शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।

दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।

ऐसा माना जाता है कि अगर इस मंत्र का जाप प्रतिदिन किया जाए तो व्यक्ति के कष्टों का निवारण हो जाता है।

शनि गायत्री मंत्र:

ऊं कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात

पीपल के पेड़ पर हर शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। यही आप शमी के पेड़ के नीचे भी करें। इसने शनिदशा का प्रभाव कम हो जाता है।  

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. ''


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