Pradosh Vrat Aarti Aur Mantra: आज करें भगवान शिव के मंत्रों का जाप और आरती, दोषों से मिलेगा छुटकारा
Pradosh Vrat Aarti Aur Mantra सावन मास समाप्त होने वाला है और सावन में पड़ने वाला यह आखिरी प्रदोष है। इस दिन शिव की पूजा से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। प्रदोष तिथि शिव शंकर को बेहद ही प्रिय है।
Pradosh Vrat Aarti Aur Mantra : हिंदी पंचांग के अनुसार आज प्रदोष व्रत है। इस व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह प्रत्येक महीने के दोनों पक्षो की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। सावन मास समाप्त होने वाला है और सावन में पड़ने वाला यह आखिरी प्रदोष है। इस दिन शिव की पूजा से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। प्रदोष तिथि शिव शंकर को बेहद ही प्रिय है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को दोषों से मुक्ति मिलती हैं। इसीलिए प्रदोष में शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव मंत्र का जाप और शिव आरती करना जरूरी होता है। आइये विस्तार से जानते इनके विषय में
प्रदोष में करें इन मंत्र का जाप
1. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
2. ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
3. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
4. ॐ आशुतोषाय नमः।
5. ॐ पार्वतीपतये नमः।
6. नमो नीलकण्ठाय।
7. ॐ नमः शिवाय।
8. इं क्षं मं औं अं।
9. ऊर्ध्व भू फट्।
10. प्रौं ह्रीं ठः।
शिवजी की आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा।।
ॐ जय शिव।।
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे।।
ॐ जय शिव।।
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे।।
ॐ जय शिव।।
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी।।
ॐ जय शिव।।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे।।
ॐ जय शिव।।
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता।।
ॐ जय शिव।।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका।।
ॐ जय शिव।।
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी।।
ॐ जय शिव।।
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे।।
ॐ जय शिव।।
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