Rangbhari Ekadashi 2021: आज रंगभरी एकादशी को माता गौरी आएंगी सुसराल, काशी में बाबा विश्वनाथ खेलेंगे होली
Rangbhari Ekadashi 2021 आज रंगभरी एकादशी भगवान शिव की नगरी काशी के लिए विशेष होती है। इस दिन भगवान शिव गौना कराकर माता गौरी को काशी लाते हैं। विवाह के बाद पहली बार माता गौरा अपने ससुराल आती हैं।
Rangbhari Ekadashi 2021: आज रंगभरी एकादशी भगवान शिव की नगरी काशी के लिए विशेष होती है। इस दिन भगवान शिव गौना कराकर माता गौरी को काशी लाते हैं। विवाह के बाद पहली बार माता गौरा अपने ससुराल आती हैं। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। रंगभरी एकादशी आज 24 मार्च दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान शिव माता गौरी और अपने गणों के साथ होली खेलते हैं।
रंगभरी एकादशी 2021 का मुहूर्त
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ आज सुबह 10 बजकर 23 मिनट से हो रहा है, जो 25 मार्च दिन गुरुवार को सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक है। ऐसे में रंगभरी एकादशी आज मनाई जा रही है।
रंगभरी एकादशी को भगवान शिव का गौना
आज रंगभरी एकादशी को बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है। वे दूल्हे के रूप में सजाए जाते हैं। फिर विधिपूर्वक हर्षोल्लास से बाबा विश्वनाथ के संग माता गौरा का गौना कराया जाता है। इस रंगभरी एकादशी को ही भगवान भोलेनाथ माता पार्वती को काशी लेकर आए। इस वजह से काशी में शिव गणों और भक्तों ने रंग-गुलाल उड़ाते हुए खुशियां मनाई थी। इस उपलक्ष्य में हर वर्ष रंगभरी एकादशी को काशी में भगवान शिव माता गौरा के संग रंग और गुलाल से होली खेलते हैं।
पूजा विधि
रंगभरी एकादशी को प्रात: स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें। फिर दोनों को धूप, पुष्प, अक्षत्, गंध, फल, मिठाई आदि अर्पित करते हैं। दोनों को रंग तथा गुलाल चढ़ाते हैं। अब शिव चालीसा और पार्वती चालीसा पढ़ें। इसके बाद दोनों की आरती करें। पूजा में माता गौरा को श्रृगांर के सामान भी चढ़ा दें।
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