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Rama Ekadashi 2020: आज के दिन करें मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा, जानें क्यों पड़ा रमा एकादशी नाम

Rama Ekadashi 2020 आज कार्तिक मास की एकादशी है। इस दिन रमा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा होता है क्योंकि इसी दिन विष्णु जी चार महीने बाद नींद से जागते हैं। पद्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत करता है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 06:38 AM (IST)
Rama Ekadashi 2020: आज के दिन करें मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा, जानें क्यों पड़ा रमा एकादशी नाम
Rama Ekadashi 2020: आज के दिन करें मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा, जानें क्यों पड़ा रमा एकादशी नाम

Rama Ekadashi 2020: आज कार्तिक मास की एकादशी है। इस दिन रमा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा होता है क्योंकि इसी दिन विष्णु जी चार महीने बाद नींद से जागते हैं। पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत करता है उसपर विष्णु जी के साथ-साथ लक्ष्मी जी की भी कृपा बनी रहती है। इस बार रमा एकादशी 11 नवंबर यानी आज से शुरू होकर 12 नवंबर तक रहेगी। आइए जानते हैं कि इस एकादशी का नाम रमा एकादशी क्यों पड़ा और क्या है इसका शुभ मुहूर्त।

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क्यों पड़ा रमा एकादशी नाम?

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाीत है। मां लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है ऐसे में इस एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। माना जाता है कि अगर यह व्रत रखा जाए तो व्यक्ति को उसके हर कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही जीवन से आर्थिक परेशानी भी नहीं रहती है।

रमा एकादशी का महत्व:

पुराणों के अनुसार, अगर व्यक्ति इस व्रत को करता है तो उसे कामधेनु और चिंतामणि के समान फल की प्राप्ति होती है। सुख-समृ्द्धि भी बढ़ती है। यह व्रत करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं और व्यक्ति की मनोकामना पूरी करती हैं। पद्म पुराण के मुताबिक, जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत करता है उस पर विष्णु जी की कृपा हमेशा बनी रहती है।

रमा एकादशी पूजा मुहूर्त:

एकादशी तिथि आरंभ- बुधवार, 11 नवंबर 2020 सुबह 03 बजकर 22 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त- गुरुवार, 12 नवंबर 2020 दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक

एकादशी व्रत पारण तिथि आरंभ- गुरुवार, 12 नवंबर 2020 सुबह 06 बजकर 42 मिनट से

एकादशी व्रत पारण तिथि समाप्त- गुरुवार, 12 नवंबर 2020 सुबह 08 बजकर 51 मिनट तक

द्वादशी तिथि समाप्त- गुरुवार, 12 नवंबर 2020 रात 09 बजकर 30 मिनट तक।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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