Pradosh Vrat Puja Vidhi: प्रदोष व्रत पर इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा, बनी रहेगी कृपा
Pradosh Vrat Puja Vidhi वर्ष 2021 का आज पहला प्रदोष व्रत है। यह दिन शिव जी को समर्पित होता है। आज रविवार है ऐसे में इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर मास के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।
Pradosh Vrat Puja Vidhi: वर्ष 2021 का आज पहला प्रदोष व्रत है। यह दिन शिव जी को समर्पित होता है। आज रविवार है ऐसे में इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर मास के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। पूरे वर्ष में करीब 24 प्रदोष व्रत आते हैं। वैसे तो प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की पूजा की जाती है। लेकिन व्रत रविवार को पड़ने के चलते इस दिन भगवान सूर्य की विशेष पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि अगर रवि प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से पूजा की जाए तो यह सेहत की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होता है। जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है उसे सेहत संबंधी कोई भी परेशानी नहीं आती है। आइए जानते हैं किस तरह करें रवि प्रदोष की पूजा-
इस तरह करें रवि प्रदोष व्रत की पूजा:
- इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें। साथ ही साफ वस्त्र पहन लें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान शिव की पूजा करें।
- शिवजी को बेलपत्र, दीप, धूप, अक्षत और गंगाजल अर्पित करें।
- इस दिन निराहार रहकर व्रत किया जाता है।
- शिवजी की आरती करें और चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।
- फिर सूर्यास्त के बाद दोबारा स्नान करें। फिर सफेद कपड़े धारण करें।
- जहां पूजा स्थान है वहां गंगाजल छिड़क दें। साथ ही गाय के गोबर से मंडप तैयार करें।
- फिर 5 अलग-अलग रंगों से रंगोली बनाए। फिर ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
- फिर भगवान शिव को जल अर्पित करें।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '