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Paush Kalashtami 2021: आज के दिन भगवान शिव के अवतार कालभैरव की इस तरह करें पूजा

Paush Kalashtami 2021 वर्ष 2021 की मासिक कालाष्टमी आजा है। मुख्यत कालभैरव जयंती के दिन कालाष्टमी का व्रत किया जाता है। लेकिन भक्त हर महीने ही कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव की पूजा करते हैं। साथ ही व्रत भी करते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 08:06 AM (IST)
Paush Kalashtami 2021: आज के दिन भगवान शिव के अवतार कालभैरव की इस तरह करें पूजा
Paush Kalashtami 2021: आज के दिन भगवान शिव के अवतार कालभैरव की इस तरह करें पूजा

Paush Kalashtami 2021: वर्ष 2021 की मासिक कालाष्टमी आजा है। मुख्यत: कालभैरव जयंती के दिन कालाष्टमी का व्रत किया जाता है। लेकिन भक्त हर महीने ही कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव की पूजा करते हैं। साथ ही व्रत भी करते हैं। इसी क्रम में हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान शिव के रूप भगवान भैरव की पूजा की जाती है। इसे मासिक कालाष्टमी, शीतलाष्टमी या भैरवाष्टमी भी कहा जाता है। कालाष्टमी के व्रत को बेहद ही फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ व्रत करता है और विधि-विधान के साथ पूजा करता है उसके सभी कष्ट मिट जाते हैं। आइए जानते हैं कैसे करें कालाष्टमी की पूजा।

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कैसे करें कालाष्टमी व्रत पूजा विधि:

  • नारद पुराण के अनुसार, कालाष्टमी के दिन कालभैरव की पूजा की जाती है। साथ ही मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है।
  • इस दिन कुत्ते को भोजन कराना बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि कालभैरव की सवारी कुत्ता है। मान्यता है कि जो इस दिन कुत्ते को भोजन कराता है उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन भैरव चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही कालभैरव की आरती भी करनी चाहिए।
  • इसके अलावा दुर्गा चालीसा, शिव चालीसा का पाठ भी अवश्य करना चाहिए।
  • इस दिन जो व्यक्ति व्रत करता है उसे फलाहार करना चाहिए।

पौष कालाष्टमी 2021 का शुभ मुहूर्त:

पौष, कृष्ण अष्टमी, 6 जनवरी 2021

आरंभ- 6 जनवरी 2021, बुधवार सुबह 4 बजकर 3 मिनट से

समाप्त- 7 जनवरी, गुरुवार सुबह 2 बजकर 6 मिनट पर।

डिस्क्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ' 


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