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Padmanabha Dwadashi 2019: पद्मनाभ द्वादशी को करें भगवान अनंत पद्मनाभ की पूजा, जीवनभर नहीं होगी धन की कमी

Padmanabha Dwadashi 2019 पद्मनाभ द्वादशी व्रत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को होता है जो इस वर्ष गुरुवार को है।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 12:13 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:36 AM (IST)
Padmanabha Dwadashi 2019: पद्मनाभ द्वादशी को करें भगवान अनंत पद्मनाभ की पूजा, जीवनभर नहीं होगी धन की कमी
Padmanabha Dwadashi 2019: पद्मनाभ द्वादशी को करें भगवान अनंत पद्मनाभ की पूजा, जीवनभर नहीं होगी धन की कमी

Padmanabha Dwadashi 2019: पद्मनाभ द्वादशी व्रत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को होता है, जो इस वर्ष गुरुवार 10 अक्टूबर को है। पद्मनाभ द्वादशी व्रत पापाकुंशा एकादशी के अगले दिन होती है। पद्मनाभ द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत पद्मनाभ स्वरूप की पूजा विधिपूवर्क की जाती है। पद्मनाभ द्वादशी का व्रत करने से जीवन पर्यंत धन की कमी नहीं होती है। भगवान अनंत पद्मनाभ अपने भक्तों की पूजा से प्रसन्न होकर उसे धन-धान्य से भर देते हैं।

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इस बार पद्मनाभ द्वादशी के दिन विशेष संयोग बन रहा है। पद्मनाभ द्वादशी का व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है और गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए ही समर्पित है। अत: इस दिन भगवान विष्णु की आराधना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

पद्मनाभ द्वादशी व्रत का महत्व

पद्मनाभ द्वादशी व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो विष्णु भक्त आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी और द्वादशी का व्रत करते हैं, वे जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं, उनको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

यदि आप कोई नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं या फिर कोई नया काम करना चाहते हैं तो आपके लिए पद्मनाभ द्वादशी का दिन बहुत अच्छा है।

पूजा विधि

द्वादशी के दिन स्नानादि से निवृत होने के बाद भगवान विष्णु की शेषनाग पर विश्राम करती हुई तस्वीर या मूर्ति पूजा स्थान पर स्थापित करें। इसके बाद विधि विधान से भगवान अनंत पद्मनाभ की पूजा अर्चना करें। भगवान विष्णु के विश्राम करते स्वरूप को पद्मनाभ स्वरूप कहा जाता है। यहां पर माता लक्ष्मी भी मौजूद होती हैं, तो उनकी भी पूजा कर लें।

भगवान विष्णु को अक्षत्, चंदन, धूप, गंध, पीले फूल, गुड़, फल आदि अर्पित करें। मां लक्ष्मी की भी पूजा करें। फिर घी के दीपक या कपूर से भगवान विष्णु की आरती करें। इसके बाद प्रसाद लोगों में बांट दें।

गुरुवार के दिन पद्मनाभ द्वादशी व्रत होने से इसका प्रभाव और बढ़ जाता है। भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा करने से उनकी कृपा के साथ साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।


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