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Makar Sankranti 2019: किस दिन मनेगी मकर संक्रांति, स्‍नान व दान का शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti Festival 2019 इसकी तिथि को लेकर कुछ मतभेद है। एेसे में पं. विजय त्रिपाठी विजय से जाने कब मनाया जायेगा ये पर्व आैर क्या है शुभ मुहूर्त।

By Molly SethEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 05:27 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 09:35 AM (IST)
Makar Sankranti 2019: किस दिन मनेगी मकर संक्रांति, स्‍नान व दान का शुभ मुहूर्त
Makar Sankranti 2019: किस दिन मनेगी मकर संक्रांति, स्‍नान व दान का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रान्ति ( खिचड़ी ) का निर्णय  

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सूर्य एक राशि से जब दूसरी राशि में प्रवेश करता है उसे ही संक्रान्ति कहते है। यह संक्रान्तियां 12 राशियों पर सूर्य के प्रवेश के कारण एक वर्ष में 12 होती हैं। मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तर अयन में प्रवेश करते हैं इसीलिए इसे उत्तरायण कहा जाता है, और कर्क संक्रान्ति को सूर्य दक्षिण अयन में प्रवेश करते हैं इसीलिए इसे दक्षिणायन कहा जाता है। मकर की संक्रान्ति अत्यन्त पुण्य फलदायिनी मानी जाती है। इस वर्ष सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी सोमवार को सायं 07 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है। मकर संक्रान्ति के पुण्यकाल अर्थात स्नान दानादि कृत्य करने के लिए धर्मशास्त्रीय नियम यह है कि संक्रान्ति जिस समय लग रही हो उस समय से 16 घटी अर्थात छह घण्टे 24 मिनट पूर्व से सामान्य पुण्यकाल प्रारम्भ होता है, तथा संक्रान्ति जिस समय लग रही हो उस समय से 16 घटी अर्थात छह घण्टे 24 मिनट पश्चात् तक विशेष पुण्यकाल रहता है। अब यहां एक और बात ध्यान देने योग्य है कि संक्रान्ति के दानादि कृत्य तभी करने का धर्मशास्त्रीय निर्देश है जब सूर्य क्षितिज पर विद्यमान हो, अर्थात दिन हो। इस हिसाब से मकर संक्रान्ति का सामान्य पुण्यकाल सोमवार को दोपहर एक बजकर 29 मिनट से प्रारम्भ होकर सूर्यास्त तक रहेगा। इस अवधि में खिचड़ी पर्व मनाना उपयुक्त है।

कब होता है पुण्यकाल

मकर संक्रान्ति के लिए धर्मशास्त्रों में एक विशेष नियम और भी है कि यदि मकर संक्रान्ति सायं संध्या ( उल्लेखनीय है कि सायं संध्या मध्यम मान से 3 घटी अर्थात एक घण्टा 12 मिनट की होती है) के बाद लगे तो  चूंकि विशेष पुण्यकाल संक्रान्ति के बाद लगता है और संक्रान्ति यदि सायं संध्या के बाद लगे तो 16 घटी अर्थात छह घण्टे 24 मिनट का पुण्यकाल लेने से वह समय अगले दिन के सूर्योदय के पूर्व (रात्रि में) ही समाप्त हो जाएगा ऐसे में शास्त्र का आदेश है कि तब पुण्यकाल 40 घटी अर्थात् 16 घण्टे का लेना चाहिए। इस हिसाब से संक्रान्ति का विशेष पुण्यकाल अगले दिन मंगलवार को दोपहर 11 बजकर 53 मिनट तक लिया जा सकता है, किन्तु सोमवार को संक्रान्ति सायं संध्या के पूर्व लग रही है अतः यहां पुण्यकाल सोमवार को मनाना ही श्रेयस्कर होगा।

स्नान दान का है महत्व

मकर संक्रान्ति में लकड़ी, तिल, अन्न, उड़द की दाल, चावल, पापड़, घी, गुड़, नमक, कम्बल, ऊनी वस्त्र का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। गंगासागर में स्नान का विशेष महत्व है। काशी के दशाश्वमेध घाट और प्रयागराज में संगम स्नान से भी पुण्यफल की प्राप्ति होती है। मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण होंगे और शिशिर ऋतु प्रारम्भ होगी।


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