Shiv Ji Ki Aarti: आज मासिक शिवरात्रि पर करें भगवान शिव की आरती, कष्टों से मिलेगी मुक्ति
Shiv Ji Ki Aarti पचांग के अनुसार मासिक शिवरात्री आज है। ऐसे समय में आज पूजा के समय शिव जी की आरती करने का विशेष लाभ प्राप्त होता है। शिव भक्तों के लिए यह दिन बहुत ही शुभ होता है।
Shiv Ji Ki Aarti: देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शिव अपने भक्तों का पूरा ख्याल रखते हैं। वो बहुत ही दयालु और कृपालु हैं, जो अपने भक्तों के सुख-दुख का ध्यान रखते हैं। शिव की पूजा-अर्चना से भक्तों के सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। पचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्री आज है और अमावस्या कल है। महाशिवरात्रि के समय में शिव की पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होंगे। शिव आरती से हम भगवान भोले नाथ को खुश करने की कोशिश करते हैं। शिव आरती से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइये जानते हैं शिव की आरती के विषय में।
शिव आरती
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित
ओम जय शिव ओंकारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
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