Margashirsha Amavasya 2019: आज है मार्गशीर्ष अमावस्या, जानें पूजा का मुहूर्त और महत्व
Margashirsha Amavasya 2019 भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय मास मार्गशीर्ष की अमावस्या आज है इसका महत्व अत्यधिक माना गया है।
Margashirsha Amavasya 2019: भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय मास मार्गशीर्ष की अमावस्या का महत्व अत्यधिक माना गया है, जो 26 नवंबर दिन मंगलवार को है। इसे अगहन अमावस्या या पितृ अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन सुबह गंगा स्नान, जप, दान आदि का महत्व है। इस दिन स्नान, जप, दान आदि करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। इस दिन पितरों की पूजा का भी विधान है। इस दिन पितरों के लिए पूजा करने से वे हम पर प्रसन्न होते हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों की पूजा कर पितृ दोष से मुक्ति भी पाई जा सकती है।
आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि का प्रारंभ कब से हो रहा है और यह तिथि कब तक रहेगी।
मार्गशीर्ष अमावस्या मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 25 नवंबर, दिन सोमवार को रात 10:43 बजे से।
अमावस्या तिथि समापन: 26 नवंबर, दिन मंगलवार को रात 08:38 बजे पर।
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अगहन मास में ही कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस वजह से अगहन मास की अमावस्या का महत्व बढ़ जाता है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। जिस व्यक्ति की कुंडली में किसी भी प्रकार का दोष हो, तो उसे मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत जरूर करना चाहिए।
जिन लोगों को अब तक संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई है, उन लोगों को विधिपूर्वक मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करना चाहिए। व्रत पूर्ण करने पर उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होंगी।
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा करनी चाहिए। सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण करें और अरती करें। ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सुबह नदी में स्नान करें, भगवत वंदना के बाद दान करें। फिर शाम को भगवान शिव के मंदिर में जाकर घी का दीपक जलाएं और उनकी पूजा करें। भगवान शिव आपकी सभी परेशानियों का निवारण करेंगे।
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन आप गंगा स्नान नहीं कर पाते हैं तो आप अपने घर पर ही स्वच्छ जल से स्नान करें। पूजा-अर्चना के बाद घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएं।