Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार करें पूजा और मंत्रों का जाप, पढ़ें विधि
Mahashivratri 2021 आज महाशिवरात्रि है। शिवपुराण के अनुसार व्रती को प्रातः काल उठकर स्नान संध्या कर्म से निवृत्त होने पर मस्तक पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्षमाला धारण कर शिवालय में जाकर शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं शिव को नमस्कार करना चाहिए।
Mahashivratri 2021: आज महाशिवरात्रि है। शिवपुराण के अनुसार व्रती को प्रातः काल उठकर स्नान संध्या कर्म से निवृत्त होने पर मस्तक पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्षमाला धारण कर शिवालय में जाकर शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं शिव को नमस्कार करना चाहिए। तत्पश्चात उसे श्रद्धापूर्वक व्रत का इस प्रकार संकल्प करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास से जानते हैं कि महाशिवरात्रि पर किस तरह शिवजी की पूजा की जानी चाहिए।
हल्दी का टीका:
शिवरात्रि पर भगत मंदिर में हल्दी के जरिए भगवान शिव को टीका लगाते हैं। वैसे भी लगभग हर धार्मिक कार्य में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। लेकिन भगवान शिव को हल्दी अर्पित नहीं की जाती। इसका कारण है कि कि ऐसा हल्दी एक स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग की जाते वाली वस्त है और शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है।
लाल रंग के फूल:
आपने देखा होगा कि शिवरात्रि पर मंदिरों के बाहर खूब फूल बिकते हैं। पर क्या आप ध्यान दिया कि इन फूलों में लाल रंग के फूल नहीं होते. ज्यादातर गेंदा ही नजर आता है। ऐसा इसलिए कि शिवजी को लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाते। कहते हैं कि सफेद रंग के फूल चढ़ाने से भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न होते हैं।
सिंदूर या कुमकुम:
महिलाएं सिंदूर या कुमकुम अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं। कहते हैं भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने गए हैं इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए। इसकी बजाए आप चंदन का इसतेमाल कर सकते हैं।
तांबे का लोटा:
शिवजी पर इस बार जब आप जल चढ़ाने जाएं तो केवल तांबे या पीतल के लोटे का ही इस्तेमाल करें, स्टील या लोहे के लोटे का नहीं।
शंख बजाना शुभ:
हिंदू धर्म में शंख को बहुत पवित्र माना गया है हर पूजा-पाठ के काम में इसे बजाना और इसके जरिए लोगों को जल देना काफी शुभ माना जाता है। लेकिन कहते हैं कि शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना वर्जित माना गया है।
महाशिवरात्रि के दिन इन मंत्रों का करें जाप:
मेष- ॐ विश्वरूपाय नम: का जाप करें।
वृषभ- ॐ उपेन्द्र नम: का जाप करें।
मिथुन- ॐ अनंताय नम: का जाप करें।
कर्क- ॐ दयानिधि नम: का जाप करें।
सिंह- ॐ ज्योतिरादित्याय नम: का जाप करें।
कन्या- ॐ अनिरुद्धाय नम: का जाप करें।
तुला- ॐ हिरण्यगर्भाय नम: का जाप करें।
वृश्चिक- ॐ अच्युताय नम: का जाप करें।
धनु- ॐ जगतगुरवे नम: का जाप करें।
मकर- ॐ अजयाय नम: का जाप करें।
कुंभ- ॐ अनादिय नम: का जाप करें।
मीन- ॐ जगन्नाथाय नम: का जाप करें।
शिवरात्रि पर राशि अनुसार पूजन करें:
मेष: बेलपत्र अर्पित करें।
वृष: दूध मिश्रित जल चढ़ाएं।
मिथुन: दही मिश्रित जल चढ़ाएं।
कर्क: चंदन का इत्र अर्पित करें।
सिंह: घी का दीपक जलाएं।
कन्या: काला तिल और जल मिलाकर अभिषेक करें।
तुला: जल में सफेद चंदन मिलाएं।
वृश्चिक: जल और बेलपत्र चढ़ाए।
धनु: अबीर या गुलाल चढ़ाएं।
मकर: भांग और धतूरा चढ़ाएं।
कुंभ: पुष्प चढ़ाएं।
मीन: गन्ने के रस और केसर से अभिषेक करें।
शिव पूजा का महत्व:
भगवान शिव की पूजा करते समय बिल्वपत्र, शहद, दूध, दही, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होकर उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी पावन रात्रि को भगवान शिव ने संरक्षण और विनाश का सृजन किया था। मान्यता यह भी है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का शुभ विवाह संपन्न हुआ था।
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