Move to Jagran APP

वट सावित्री व्रत 2018: सौभाग्‍य की कामना से किए जाने वाले व्रत में ऐसे करें पूजा

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत सावित्री जैसा अखंड सौभाग्‍य पाने के लिए रखा जाता है। पंडित दीपक पांडे से जानें इसकी पूजन विधि और महूर्त।

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 04:18 PM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 09:10 AM (IST)
वट सावित्री व्रत 2018: सौभाग्‍य की कामना से किए जाने वाले व्रत में ऐसे करें पूजा
वट सावित्री व्रत 2018: सौभाग्‍य की कामना से किए जाने वाले व्रत में ऐसे करें पूजा

वट सावित्री व्रत

loksabha election banner

इस साल 2018 में वट सावित्री व्रत 15 मई 2018, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। अमावस्या तिथि का आरंभ 14 मई 2018, सोमवार को 19:46 से प्रारंभ होगा और इसका समसपन समापन 16 मई 2018, बुधवार को 17:17 पर होगा। ये पर्व ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। यह महिलाओं का सौभाग्‍य कामना से रखा जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दिन सत्यवान सावित्री कथा पड़ कर यमराज की पूजा की जाती है और यह व्रत रखने वाली स्त्रियों सावित्री की ही तरह अखंड सुहाग की कामना करती हैं। सावित्री ने इसी दिन अपने तप के प्रभाव से अपने मृत पति सत्यवान को धर्मराज से जीवित प्राप्त कर लिया था। 

कैसे करें पूजा

इस व्रत को करने के लिए सर्वप्रथम वटवृक्ष के नीचे मिट्टी की बनी सावित्री और सत्यवान और भैंसे पर सवार यम की प्रतिमा स्थापित करके पूजन करना चाहिए। इसके बाद बरगद की जड़ में जल अर्पण करना चाहिए। पूजा के लिए रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल तथा धूप होनी चाहिए। जल से वटवृक्ष को शीतल करने के बाद उसके चारों ओर कच्चा धागा लपेट कर कम से कम तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए। इसके पश्चात सत्यवान सावित्री की कथा सुननी चाहिए और पश्चात भीगे हुए चनों का प्रसाद बड़ों और मान्‍य को देकर आर्शिवाद ग्रहण करें। 

वट पूजा और व्रत का स्‍वरूप 

इस बार ये पर्व मलमास के प्रारंभ होने के ठीक पहले पड़ रहा है। वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष की पूजा की जाती है, जिसे कहीं बट कहीं बरगद के नाम से जाना जाता है। इस में व्रत तीन दिवसीय उपवास रखा जाता है और यह उपवास भारत के विभिन्न अंचलों में भिन्न भिन्न तरीके से पाया जाता है। ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से अमावस्या तक व्रत रखा जाता है और कुछ स्थानों पर जैसे उत्तर भारत में एक दिन का व्रत रखा जाता है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.