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Navratri Rules: नवरात्रि में इन 6 बातों का रखें विशेष ध्यान, कलश स्थापना की है तो यह बात है जरूरी

Navratri Rules शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आज 17 अक्टूबर से हो रहा है। नवरात्रि में घटस्थापना के साथ मां दुर्गा की विधि विधान से आराधना की जाएगी और व्रत भी रखा जाएगा। नवरात्रि के व्रत के लिए कुछ नियम हैं जिनका ध्यान रखना जरुरी होता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 05:28 AM (IST)
Navratri Rules: नवरात्रि में इन 6 बातों का रखें विशेष ध्यान, कलश स्थापना की है तो यह बात है जरूरी
Navratri Rules: शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 17 अक्टूबर से हो रहा है।

Navratri Rules: शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आज 17 अक्टूबर से हो रहा है। नवरात्रि में घटस्थापना के साथ मां दुर्गा की विधि विधान से आराधना की जाएगी और व्रत भी रखा जाएगा। हर व्रत की तरह नवरात्रि के व्रत के लिए भी कुछ नियम हैं, जिनका ध्यान रखना जरुरी होता है। यदि व्रत के नियमों का ध्यान न रखा जाए, तो उसका पूर्ण फल आपको प्राप्त नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य अनीस व्यास नवरात्रि व्रत से जुड़ी उन बातों को बता रहे हैं, जिनका हमें विशेष ध्यान रखना होगा।

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1. कन्याओं का दिल न दुखाएं

भारतीय परंपरा में कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि नवरात्रि में कन्या पूजन या कंजका पूजन कर लोग पुण्य की प्राप्ति करते हैं। माना जाता है नवरात्रि के दौरान किसी भी कन्या या महिला के प्रति असम्मान का भाव न आने दें। शास्त्रों में यहां तक कहा गया है कि यत्र नार्यास्तु पूजयंते रमंते तत्र देवता। किसी भी कन्या का अपमान होने पर मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं।

2. घर अकेला न छोड़ें

यदि आपने घर में कलश स्थापना की है या माता की चौकी या अखंड ज्योति लगा रखी है तो घर खाली ना छोड़े। यानी घर में किसी न किसी का होना बहुत जरूरी है। साथ व्रत के दिनों में दिन में सोना भी मना है।

3. कलह से दूर रहें

नवरात्रि के दिनों में बहुते से लोग व्रत में होते हैं, ऐसे में कलह करने से बचना चाहिए क्योंकि कलह से व्रतधारी की आत्मा को दुख पहुंचता है, जिससे देवी मां रुष्ठ हो सकती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि हर प्रकार के वाद विवाद से दूर रहें। श्रीराम चरित मानस में भी ऐसा कहा गया है कि "जहां सुमति तहां संपति नाना। जहां कुमति तहां विपति निदाना।।" लड़ाई झगड़े वाले घर में लक्ष्मी नहीं ठहरतीं।

4. धार्मिक बातों में मन लगाएं

माना जाता है कि व्रत करने वाले को नवरात्रि के नौ दिनों तक अपना समय बेकार की बातों में न लगाकर धार्मिक ग्रंथों का अध्यन करना चाहिए। इन दिनों दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तसती का पाठ कर सकते हैं।

5. लहसुन-प्याज का सेवन न करें

नवरात्रि के पावन दिनों में सात्विक भोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आहार, व्यवहार और विचार में आपके सात्विकता होना जरूरी है, तभी नवरात्रि के व्रत का पूरा लाभ मिल सकेगा। आप इन दिनों प्याज, लहसुन और मांस मदिरा का सेवन ना करें। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूर्ण सात्विक आहार लेना चाहिए।

6. काम वासना पर काबू रखें

नवरात्रि के दिनों में काम भावना पर नियंत्रण रखना अतिआवश्यक है। इन दिनों में महिलाओं और पुरुष दोनों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। मां की पूजा साफ मन से करने से ही मां प्रसन्न होती हैं, इसलिए इन दिनों शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '


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