Move to Jagran APP

आज है गणपति का जन्मदिन गणेश चतुर्थी, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा 10 दिन चलेगा उत्सव

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश चतुर्थी के नाम से गणपति का जन्मोत्सव मनाया जाता है जो इस वर्ष 13 सितंबर 2018 को है। पंडित दीपक पांडे से जाने पूजा का शुभ मुहूर्त।

By Molly SethEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 01:42 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 10:31 AM (IST)
आज है गणपति का जन्मदिन गणेश चतुर्थी, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा 10 दिन चलेगा उत्सव
आज है गणपति का जन्मदिन गणेश चतुर्थी, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा 10 दिन चलेगा उत्सव

मिलता है सौ गुना से अधिक पुण्य 

loksabha election banner

भगवान गणेश का जन्मदिन गणेश चतुर्थी के नाम से भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। 13 सितंबर 2018 को पड़ रहे इस पर्व को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार शिवा, संज्ञा और सुधा यह तीन चतुर्थी होती है इनमें भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को संज्ञा कहते हैं। एेसी मान्यता है कि इसमें स्नान और उपवास करने से 101 गुना फल प्राप्त होता है और सौभाग्य की वृद्धि होती है। इसी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मध्यान्ह में भगवान गणेश का जन्म हुआ था इसी कारण यह तिथि महक नाम से भी जानी जाती है। इस दिन भगवान गणपति की पूजा, उपासना व्रत, कीर्तन आैर जागरण इत्यादि करना चाहिए। 

कैसे करें भगवान गणेश का पूजन 

गणेश चतुर्थी  की पूजा के लिए एक चौकी पर लाल दुपट्टा बिछा कर उस पर सिंदूर या रोली सज्जित कर आसन बनायें आैर उसके मध्य में गणपति की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें ,और गाय के घी से युक्त दीपक प्रज्वलित करें। ओम देवताभ्यो नमः मंत्र के साथ दीपक का पूजन करें तत्पश्चात हाथ जोड़कर भगवान गणेश की प्रतिमा के सम्मुख आवाहन मुद्रा में खड़े हो कर उनका आवाहन करें। इसके पश्चात् मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा करें। आवाहन एवं प्रतिष्ठापन के पश्चात् भगवान गणेश के आसन के सम्मुख पांच पुष्प अञ्जलि में लेकर छोड़े। अब भगवान को पाद्य यानि चरण धोने हेतु जल समर्पित करें। अब उनको गन्धमिश्रित अर्घ्य जल समर्पित करें, आैर शुद्घ जल से स्नान करायें। अब पञ्चामृत स्नान शुरू करें इसके लिए पयः यानि दूध, दही, घी, शहद आैर शक्कर से स्नान करायें। अब भगवान को सुगन्धित तेल चढ़ायें। एक बार पुन: शुद्ध जल से स्नान करायें। शुद्धोदक स्नान के पश्चात् गणपति को मौलि के रूप में वस्त्र आैर उत्तरीय समर्पित करें। इसके पश्चात् यज्ञोपवीत आैर इत्र अर्पित करें। अब अक्षत, शमी पत्र, आैर  तीन अथवा पांच पत्र वाला दूर्वा जिसे दुर्वाङ्कुर कहते हैं उसे चढ़ायें।  फिर तिलक करने के लिये सिन्दूर लगायें। धूप एवम् दीप समर्पित करें। नैवेद्य नैवेद्य विशेष रूप से मोदक चढ़ाने के बाद श्री गणेश को ताम्बूल अर्थात पान, सुपारी समर्पित करें। भगवान गणेश को दक्षिणा समर्पित करते हुए उनकी आरती करें।  

गणेश चतुर्थी 2018 का पूजन मुहूर्त 

किसी भी अवतार का प्रकट 12 बजे ही होता है फिर चाहे वो दिन का हो या रात्रि का। चूंकि  भगवान गणेश का जन्म दोपहर में हुआ है, इसलिए इनकी पूजा दोपहर को ही होगी। वैसे प्रथम पूज्य लम्बोदर को प्रातःकाल, मध्याह्न और सायाह्न में से किसी भी समय पूजा जा सकता है, परन्तु गणेश-चतुर्थी के दिन मध्याह्न 12 बजे का समय गणेश-पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मध्याह्न  पूजा का समय गणेश-चतुर्थी पूजा मुहूर्त के नाम से ही जाना जाता है। इसीलिए पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे तक होता है। हांलाकि वृश्चिक लग्न का उदय 10:29 मिनट से रात 12:59 मिनट तक रहेगा। वैसे चतुर्थी तिथि बुधवार 13 सितंबर को पूरे दिन रहेगी इसलिए सभी अपनी - अपनी स्थिति के अनुसार गणेश जन्मोत्सव की पूजा आैर स्थापना कर सकते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.