देव गुरू की ऐसे पूजा करें गुरुवार को
गुरूवार को भगवान विष्णु के साथ ही देव गुरू बृहस्पति की भी पूजा होती है। आइये जाने उनकी पूजा का विधि विधान।
कुंडली के हर दोष को करते हैं दूर
भगवान बृहस्पति सभी देवताओं के गुरू हैं, अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह का दोष है जिसके कारण शादी और भाग्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड रहा है और यदि आपके अनूकुल स्थितियां होते हुए भी आपके विवाह में समस्या उत्पन्न हो रही है तो गुरुवार का दिन आपके लिए शुभ हो सकता है। गुरु दोष की शान्ति के लिए बृहस्पतिवार को कुछ खास उपाय करने से आपको अपने काम में सफलता जरुर मिलेगी। जानिए ऐसे ही उपायों के बारे में जिन्हें गुरुवार के दिन करने से गुरु ग्रह के दोष दूर होने के साथ ही धन-धान्य की प्राप्ति होगी।
गुरू पूजा का विधान
गुरूवार को भगवान बृहस्पति देव की पूजा का विधान माना गया है। इस दिन पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। परिवार मे सुख और शांति का समावेश होता है। ज्योतिषों का मानना है कि जिनके विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो रही हो उन्हें गुरूवार का व्रत करना चाहिए। इस दिन पूजा में एक समय ही भोजन करें। पीले वस्त्र धारण करें, पीले पुष्पों को धारण करें। भोजन भी चने की दाल का करें और नमक से परहेज करना चाहिए। भगवान की पूजा में पीले रंग का फूल, चने की दाल, पीले कपड़े और पीले चन्दन का प्रयोग करना चाहिए।
इनका भी रखें ध्यान
मान्यता है कि गुरुवार के दिन नहाते वक्त पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करे इसके बाद "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करते हुए केसर का तिलक लगाए और केले के वृक्ष में जल अर्पित हुए उसकी धूप- दीप से पूजा करे, तो विशेष लाभ प्राप्त होता है।