कर्ज से मुक्ति, सुख समृद्घि आैर संतान के लिए विधि विधान से करें शरद पूर्णिमा का व्रत, पूजन
इस वर्ष शरद पूर्णिमा का व्रत एवम् पूजन 24 अक्टूबर 2018 को बुधवार को किया जायेगा। पंडित दीपक पांडे बता रहे हैं कि विशेष संयोग के चलते मिल सकती है कर्ज से मुक्ति। साथ ही जानें पूजा विधान।
मां लक्ष्मी की करें पूजा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि शरद पूर्णिमा को ही धन की देवी माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इसीलिए सुख समृद्घि आैर धन की कामना से इस दिन इनका पूजन किया जाता है। इस बार यह तिथि 24 अक्टूबर 2018 बुधवार को पड़ रही है। एेसी भी धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी जी ने श्री गणेश को पुत्रवत स्वीकार किया था इसीलिए धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए श्री गणेश का भी पूजन होता है आैर संतान की शुभेच्छा की जाती है। इस दिन इंद्र दे की पूजा का भी विधान है।
व्रत का विधि विधान
एेसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा से अमृत की वृषा होती है इसी लिए इस दिन खीर बना कर रात में उसका बरतन आंगन या छत पर खुले में रखा जाता है आैर अगले दिन उसे प्रसाद स्वरूप अमृत समझ कर ग्रहण किया जाता है। इस दिन प्रात काल स्नान आदि से शुद्घ हो कर तांबे या मिट्टी के कलश पर लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें वस्त्र, आभूषण, गन्ध आैर पुष्प आदि अर्पित करके उनकी पूजा करें। पूरे दिन व्रत रखें आैर सिर्फ फलाहार ही करें। रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करें। शाम को चंद्रमा निकने पर उनके सम्मुख घी से भरे हुए दीपक जलाए। इसके बाद खीर तैयार करें या देशी घी में काली मिर्च आैर शक्कर मिला कर उस पात्र को चन्द्रमा की चांदनी में रखें। अगले दिन लक्ष्मीजी का भोग लगा कर उसका प्रसाद ग्रहण करें। रात्रि जागरण करें।
मिलेगी कर्ज से मुक्ति
इस बार शरद पूर्णिमा को एक विशेष संयोग बन रहा है जिके चलते कुछ खास उपायों से पूजा करने पर कर्ज के कष्ट से मुक्ति मिल सकती है। जो लोग कर्ज की समस्या से ग्रस्त हैं वे लक्ष्मी जी के सम्मुख शरद पूर्णिमा की पूजा के दौरान 108 घी पूरित दीपक प्रज्जवलित करें, आैर व्रत करें। एेसा करने पर उन्हें ऋण मुक्ति की पूरी संभावना है। इसके अतिरिक्त इस दिन पीपल के वृक्ष पर सफेद ध्वजा लगाने , रात्रि जागरण करने आैर हरि नाम का जाप करने से पाप से मुक्ति मिलती है।