Janmashtami 2020: इस तरह घर पर करें जन्माष्टमी की तैयारी, शानदार रहेगा कृष्ण जन्मोत्सव
Janmashtami 2020 सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी सरकारी दिशा निर्देशों के पालन के साथ जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ होगा।
Janmashtami 2020: कोरोना के विस्फोटक रूप के चलते इस बार सभी त्यौहारों पर इसका असर देखने को मिल रहा है। न होली ढंग से मन पाई न ही ईद। लेकिन जान है तो जहान है। सबसे पहले इस महामारी से निपटना है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी सरकारी दिशा निर्देशों के पालन के साथ जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ होगा। पंडित अनीस व्यास बता रहे हैं कि घर में ही कैसे आप 12 अगस्त को श्रेष्ट मुहूर्त में जन्माष्टमी मना सकते हैं। साथ ही क्या क्या तैयारी आप करें, ये भी इस लेख में दिया जा रहा है।
एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं उसके बाद भगवान् कृष्ण के बालस्वरुप को किसी स्वच्छ पात्र में रखें। फिर उन्हें पंचामृत से स्नान करवाएं। उसके बाद गंगाजल से स्नान कराएं। उन्हें सुंदर वस्त्र पहना कर उनका श्रंगार करें। तत्पश्चात् कृष्ण जी को झूला झुलाएं और धूप-दीप आदि दिखाएं। रोली और अक्षत से तिलक करें। माखन मिश्री का भोग लगाते हुए प्रार्थना करें। हे ! कृष्ण मुरारी भोग और पूजा ग्रहण कीजिए। कृष्ण जी को तुलसी का पत्ता भी अर्पित करना चाहिए। भोग के बाद गंगाजल भी अर्पित करें।
यह भी देखें: मथुरा, गोकुल में 2 अलग-अलग दिन क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों को खासतौर पर सजाया जाता है। जन्माष्टमी पर पूरे दिन व्रत का विधान है। जन्माष्टमी पर सभी 12 बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती हैं और भगवान श्रीकृष्ण को झूला झुलाया जाता है और रासलीला का आयोजन होता है।
भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्टीकर आप अपने घरों की दीवालों पर लगा सकते हैं। इससे आपको घर में झांकी बनाने में मदद मिलेगी। अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो आप उन्हें कान्हा का लुक दे सकते हैं। ऑनलाइन कई तरह की ड्रेस मिल रही हैं जो कि आपको बच्चों को कान्हा के रूप में परिवर्तित कर देंगे। इन ड्रेस को पहनकर सबको लगेगा कि आपका बच्चा कान्हा का अवतार हो गया है। मार्केट में कई तरह की मूर्ति बाजार में आ रही हैं। इन मूर्तियों के बिना श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अधूरी है। आप इनको खरीदकर अपने घर की शोभा में चार चांद लगा सकते हैं। चाहे तो आप घर में भी अपने बच्चों से कहें वो कान्हा की पेंटिंग बना दें, वो भी इस काम में ली जा सकती है। ईश्वर प्रेम के भूखे हैं, तभी तो दुर्योधन का मेवा त्याग विदुर के घर का साग खाया था।