Indira Ekadashi 2020 Date: आज है इंदिरा एकादशी, व्रत और पूजा से पितरों को होता है यह विशेष लाभ
Indira Ekadashi 2020 Date आज इंदिरा एकादशी का व्रत है। यह हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होता है।
Indira Ekadashi 2020 Date: आज इंदिरा एकादशी का व्रत है। यह हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होता है। इस व्रत का पितृपक्ष के समय में बहुत बड़ा महत्व है। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। यदि आप इस व्रत का पुण्य पितरों को दान कर देते हैं, तो उनको भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उनको बैकुण्ठ धाम में भगवान श्री हरि विष्णु के श्री चरणों में स्थान प्राप्त होता है। यमलोक में यमराज जिन पितर को दंड स्वरुप नरक लोक का कष्ट देते हैं, वे इंदिरा एकादशी व्रत के पुण्य से मोक्ष पाते हैं।
इंदिरा एकादशी व्रत एवं पूजा मुहूर्त
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 12 सितंबर दिन शनिवार को दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 13 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में इंदिरा एकादशी का व्रत 13 सितंबर रविवार को रखा जाएगा।
पारण का समय
इंदिरा एकादशी व्रत करने वाले लोगों को 14 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 38 मिनट के बीच पारण कर व्रत को पूर्ण करना चाहिए।
इंदिरा एकादशी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के समय में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी का व्रत सभी लोगों को करने की बात कही गई है। आपके व्रत से मिलने वाले पुण्य को पितरों को दान करना चाहिए। इससे उनको मोक्ष मिलता है और वे अपनी संतानों के कल्याण, वंश वृद्धि और सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते हैं। इस व्रत को सभी घरों में करने की सलाह दी जाती है। इस व्रत को करने वाला व्यक्ति भी मृत्यु के बाद बैकुण्ठ धाम जाता है।
इंदिरा एकादशी पूजा
इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप की पूजा की जाती है। पूजा के समय भगवान विष्णु से अपने पितरों की मुक्ति या मोक्ष के लिए प्रार्थना की जाती है। अपने पितरों के किए गए गलत कर्मों के लिए भगवान विष्णु से क्षमा मांगते हैं। पूजा समापन के बाद पितरों के नाम से श्राद्ध किया जाता है। फिर ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दक्षिणा देकर सहर्ष विदा किया जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है, फलाहार किया जाता है। अगले दिन पारण कर व्रत को पूरा करते हैं।