Gupt Navratri 2021: गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा के इन मंत्रों के जाप से प्राप्त करें सौभाग्य और आरोग्य
Gupt Navratri 2021 आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि 18 जुलाई दिन रविवार को पड़ रही है। इस दिन गुप्त नवरात्रि के व्रत और पूजन का अंतिम दिन है।आइए जानते हैं नवमी तिथि पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्र..
Gupt Navratri 2021: आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि 18 जुलाई दिन रविवार को पड़ रही है। इस दिन गुप्त नवरात्रि के व्रत और पूजन का अंतिम दिन है। नवमी की तिथि मां दुर्गा के सिद्धिधात्री रूप का पूजन होता है। सिद्धिधात्री माता का सिद्धियां प्रदान करती हैं तथा भक्तों को मनोवांछित फल देती हैं। गुप्त नवरात्रि पर विशेष रूप से तांत्रिक पूजन करने का विधान है। लेकिन जो भक्त सात्विक विधि सें मां भगवती का पूजन करते हैं वो नवमी तिथि पर इन मंत्रों का जाप कर मां दुर्गा से रोग और संकट से मुक्ति, सुख, सौभाग्य और विश्व कल्याण की कामना कर सकते हैं। आइए जानते हैं मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्र..
1-सौभाग्य प्राप्ति का मंत्र
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
मां दुर्गा से सौभाग्य, आरोग्य, रूप, जय और यश की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करें। मां दुर्गा जरूर आपकी मनोकामनाएं पूरी करेंगी।
2-रोग से मुक्ति के लिए
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
नवरात्रि पर मां दुर्गा से अपने परिवार के स्वास्थ्य की कामना करने और रोगों से मुक्ति पाने के लिए दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से रोग से मुक्ति मिलती है तथा बल और तेज में वृद्धि होती है।
3- बाधाएं और संकट दूर करने के लिए
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
इस मंत्र का श्रद्धाभाव से जाप करने से सभी प्रकार के संकट और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। मां दुर्गा का आशीर्वाद हमेशा एक रक्षा कवच की तरह आपके साथ रहेगा। किसी संकट या मुश्तकिल में पड़ने पर मां दुर्गा आपकी रक्षा करेंगी।
4- विश्व कल्याण का मंत्र
विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं, विश्वात्मिका धारयसीति विश्वम्।
विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति, विश्वाश्रया ये त्वयि भक्ति नम्रा:॥
मां दुर्गा जगतधात्री हैं अर्थात संपूर्ण जगत को धारण करती हैं और उसका पालन करती हैं। मां दुर्गा से अपने पापों का प्रायश्चित कर संपूर्ण जगत के कल्याण की कामना करनी चीहिए।
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