Move to Jagran APP

Ganesha Stuti Mantra: बुधवार के दिन जरूर करें भगवान श्री गणेश के स्तुति मंत्र का जाप

Ganesha Stuti Mantra आज बुधवार है यानी गणेश जी का दिन। आज के दिन गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश जी को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजा जाता है। इन्हें गजानन विघ्नहर्ता गणपति लंबोदर कई नामों से पुकारा जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:45 AM (IST)
Ganesha Stuti Mantra: बुधवार के दिन जरूर करें भगवान श्री गणेश के स्तुति मंत्र का जाप
Ganesha Stuti Mantra: बुधवार के दिन जरूर करें भगवान श्री गणेश के स्तुति मंत्र का जाप

Ganesha Stuti Mantra: आज बुधवार है यानी गणेश जी का दिन। आज के दिन गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। गणेश जी को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजा जाता है। इन्हें गजानन, विघ्नहर्ता, गणपति, लंबोदर कई नामों से पुकारा जाता है। इन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है क्योंकि गणेश जी विघ्नों को हरने वाले एवं बुद्धि और यश के देवता कहलाते हैं। बुधवार के दिन गणेश जी की विशेष पूज-अर्चना किए जाने का विधान है। इस दिन सच्चे मन और पूरे विधि-विधान के साथ अगर व्यक्ति पूजा करता है तो उसे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।

loksabha election banner

गणेश जी की पूजा करने के कई तरीके हैं जिससे गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। पूजा के दौरान अग भगवान गणेश की आरती, चालीसा, स्तुति मंत्र आदि गाए जाएं तो गणेश जी को प्रसन्न किया जा सकता है। नारद पुराण में संकटनाशन गणेश स्तोत्र लिखा गया है। मान्यता है कि अगर इस स्त्रोत का पाठ किया जाए तो व्यक्ति के जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है। वहीं, अगर गणेश जी के स्तुति मंत्र का जाप किया जाए तो भी गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको भगवान श्री गणेश का स्तुति मंत्र बता रहे हैं।

भगवान श्री गणेश स्तुति मंत्र:

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय!

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते!!

भक्तार्तिनाशनपराय गनेशाश्वराय, सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय!

विद्याधराय विकटाय च वामनाय , भक्त प्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते!!

नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम:!

नमस्ते रुद्राय्रुपाय करिरुपाय ते नम:!!

विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारणे!

भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक!!

लम्बोदर नमस्तुभ्यं सततं मोदकप्रिय!

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा!!

त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति ,

भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति!

विद्याप्रत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति,

तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव!!

गणेशपूजने कर्म यन्न्यूनमधिकं कृतम !

तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नोSस्तु सदा मम !!

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ' 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.