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Ganesh Ji Aarti: बुधवार को पूजा करते समय जरूर पढ़ें सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची, गणेश जी होते हैं प्रसन्न

Ganesh Ji Aarti आज बुधवार है यानी गणेश जी का दिन। आज के दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जाती है। भारतीय धर्म और संस्कृति में गणेश जी सर्वप्रथम पूजनीय और प्रार्थनीय हैं। बिना गणपति बप्पा की पूजा किए कोई भी मांगलिक कार्य शुरू नहीं किया जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 10:02 AM (IST)
Ganesh Ji Aarti: बुधवार को पूजा करते समय जरूर पढ़ें सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची, गणेश जी होते हैं प्रसन्न
Ganesh Ji Aarti: बुधवार को पूजा करते समय जरूर पढ़ें सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची, गणेश जी होते हैं प्रसन्न

Ganesh Ji Aarti: आज बुधवार है यानी गणेश जी का दिन। आज के दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जाती है। भारतीय धर्म और संस्कृति में गणेश जी सर्वप्रथम पूजनीय और प्रार्थनीय हैं। बिना गणपति बप्पा की पूजा किए कोई भी मांगलिक कार्य शुरू नहीं किया जाता है। कहा जाता है कि अगर कोई नया काम बिना गणेश जी के पूजा किए शुरू किया जाए तो इससे किसी न किसी प्रकार के विघ्न आते ही हैं। कहा जाता है कि अगर सच्चे मन से गणेश जी की पूजा की जाए तो व्यक्ति को उसके जीवन के सभी विघ्नों से मुक्ति मिल जाती है। गणपति बप्पा को लड्डू या मोदक अत्यंत प्रिय हैं। उन्हें प्रसाद के तौर पर लड्डू या मोदक अवश्य चढ़ाएं। 

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गणेश जी की पूजा करते समय व्यक्ति को उनके मंत्रो का जाप करना चाहिए। साथ ही गणेश चालीसा का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। कहते हैं अगर पूजा करने के बाद या अंत में पूरी लय के साथ आरती गाई जाए तो वातावरण शुद्ध हो जाता है और भगवान भी खुश हो जाते हैं। अत: गणेश जी की पूजा करते समय उनकी आरती जरूर गाएं। यहां हम आपको गणपति बप्पा की सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची आरती बता रहे हैं। आइए पढ़ते हैं गणेश जी की आरती।

गणेश जी की आरती:

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची

कंठी झलके माल मुक्ता फलांची।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुमकुम केशरा

हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा

रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना

सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव 


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