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Ganesh Jayanti 2020: मंगलवार को है विघ्नहर्ता श्री गणेश का जन्मदिन, भाग्य और मोक्ष की प्राप्ति के लिए ऐसे करें पूजन

Ganesh Jayanti 2020 पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन ही विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए आज गणेश जयंती मनाई जाती है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 01:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 01:17 PM (IST)
Ganesh Jayanti 2020: मंगलवार को है विघ्नहर्ता श्री गणेश का जन्मदिन, भाग्य और मोक्ष की प्राप्ति के लिए ऐसे करें पूजन
Ganesh Jayanti 2020: मंगलवार को है विघ्नहर्ता श्री गणेश का जन्मदिन, भाग्य और मोक्ष की प्राप्ति के लिए ऐसे करें पूजन

Ganesh Jayanti 2020: माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को माघी गणेश चतुर्थी या तिलकुंड चतुर्थी या माघ विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन ही विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए आज गणेश जयंती मनाई जाती है। आज के दिन मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति वर्ष भर भगवान ​गणेश की आराधना नहीं करता है, वह यदि आज के दिन गणपति बप्पा की पूजा करता है, तो उसे वर्ष भर के गणेश चतुर्थी का फल प्राप्त होता है।

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माघी गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति को भाग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। खासतौर पर इसके लिए अग्निपुराण में तिलकुंड चतुर्थी का उल्लेख मिलता है। माघी गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्रमा को दर्शन न करें। ऐसा करने पर व्रती को मानसिक कष्ट का सामना करना होता है।

माघी गणेश चतुर्थी मुहूर्त

माघी चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ आज 28 जनवरी, 2020 दिन मंगलवार को सुबह 08:21 बजे से हो गया है, जो 29 जनवरी दिन बुधवार को सुबह 10:45 बजे तक है। मध्याह्न में गणेश पूजा मुहूर्त दोपहर 11:30 बजे से 01:39 बजे तक है।

पूजा विधि

माघी गणेश चतुर्थी पूजा में लाल वस्‍त्र, लाल फूल और लाल चंदन का उपयोग करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गणपति की पूजा के लिए लाल पुष्‍प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन, मोदक, गंगा जल और दुर्वा रख लें। फिर पूजा स्थल पर स्नान करने के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। फिर उनको गंग जल से स्नान कराएं। अब उनको लाल पुष्‍प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन अर्पित करें। इसके बाद 21 दुर्वा चढ़ाएं। अब उनका प्रिय मोदक अर्पित करें। गणेश वंदना के बाद आरती करें और प्रसाद लोगों में बांट दें।

गणपति के प्रसिद्ध 8 अवतार

गणपति ने असुरों के दमन के लिए 8 अवतार लिए हैं। उनका नाम क्रमश: वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण। उनके इन अवतारों का वर्णन गणेश पुराण, गणेश अंक, मुद्गल पुराण आदि ग्रंथों में मिलता है।


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