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Ganesh Chaturthi Puja Vidhi: आज गणेश चतुर्थी पर ऐसे करें गणपति की पूजा, जानें सही विधि एवं मंत्र

Ganesh Chaturthi Puja Vidhi जिस साल सिद्धि विनायक श्री गणेश जी का जन्मोत्सव व्रत रविवार और मंगलवार के दिन पड़ता है उस साल इस व्रत को महाचतुर्थी व्रत कहा जाता है। महाचतुर्थी व्रत के दिन पूजा पाठ करने से इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 12:00 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 06:36 AM (IST)
Ganesh Chaturthi Puja Vidhi: आज गणेश चतुर्थी पर ऐसे करें गणपति की पूजा, जानें सही विधि एवं मंत्र
देवों में गणेश जी प्रथम पूजनीय देवता माने जाते हैं।

Ganesh Chaturthi Puja Vidhi: देवों में गणेश जी प्रथम पूजनीय देवता माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले सिद्धि विनायक गणेश को जरूर याद किया जाता है। भगवान गणेश बहुत ही कृपालु और भक्तवत्सल्य हैं। इनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन और घर में सुख-शांति और खुशहाली का वास होता है। पचांग के अनुसार भगवान श्री गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन हुआ था। 27 जून, 2021 दिन रविवार को चतुर्थी हैं। जन्मदिवस के दिन व्रत कथा करके उनका जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश पूजन से पहले हमें पूजा के सभी विधि-विधान को भलिभांति तरीके से जानना जरूरी हो जाता है।

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गणेश चतुर्थी पूजा विधि

प्रातः काल जगने के बाद सभी दैनिक कामों से निवृत होकर स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लेते हुए गणपति का ध्यान करें। एक साफ चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें। गंगा जल का छिड़काव करके पूरे स्थान को पवित्र करें। भगवान श्री गणेश को पुष्प की मदद से जल अर्पित करें। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान, सुपारी. लौंग, इलायची, नारियल और मिठाई भगवान को समर्पित करें। भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं। सभी चढ़ावा के बाद भगवान गणेश का धूप, दीप और अगरबत्ती से आरती करें। मंत्र जाप के बाद कथा का श्रवण करें। 

 मंत्र जाप

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।

सबसे आखिरी में चंद्रमा को दिए हुए मुहूर्त पर अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करें। जिस साल सिद्धि विनायक श्री गणेश जी का जन्मोत्सव व्रत रविवार और मंगलवार के दिन पड़ता है, उस साल इस व्रत को महाचतुर्थी व्रत कहा जाता है। महाचतुर्थी व्रत के दिन पूजा पाठ करने से इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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