Dussehra 2021: सर्वत्र विजय के लिए आज करें इस देवी की आराधना, रावण वध से पूर्व श्रीराम ने भी की थी पूजा
Dussehra 2021 असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व दशहरा आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। धर्म और सत्य की स्थापना के उत्सव के रुप में दशहरा का पर्व मनाया जाता है। दशहरा के दिन देवी अपराजिता की विशेष पूजा की जाती है।
Dussehra 2021: असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व दशहरा आज पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। लोग आज एक दूसरे को दशहरा की बधाई एवं शुभकामना संदेश भेज रहे हैं। भगवान श्रीराम ने रावण का वध करके संसार में सत्य और धर्म की पुन:स्थापना की थी, वहीं मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर संसार को उसके भय से मुक्ति दिलाई थी। संसार में धर्म और सत्य की स्थापना के उत्सव के रुप में दशहरा का पर्व मनाया जाता है। दशहरा के दिन देवी अपराजिता की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लंका युद्ध के समय भगवान श्रीराम ने भी सर्वत्र विजय के लिए मां अपराजिता की विधिपूर्वक पूजा की थी।
देवी अपराजिता पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि देवी अपराजिता की पूजा करने से व्यक्ति को सभी दिशाओं में विजय प्राप्ति का अशीर्वाद प्राप्त होता है। जैसा की देवी के नाम से ही ज्ञात है- शक्ति की वह देवी, जिसे कोई पराजित ही नहीं कर सकता।
देवी अपराजिता पूजा मंत्र एवं समय
आज प्रात: स्नान आदि के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर हाथ में जल लेकर देवी अपराजिता की पूजा का संकल्प करें। फिर दोपहर के समय में देवी अपराजिता की विधि विधान से पूजा करें। पूजा के समय 'ओम अपराजितायै नम:' मंत्र का जाप 11 बार करें। देवी सूक्तम, देवी कवच और अर्गला स्तोत्र का पाठ करें। पूजा के अंत में मां शक्ति की आरती करें।
देवी अपराजिता पूजा मुहूर्त
आज दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 25 मिनट के बीच आप देवी अपराजिता की पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा आप विजय मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं। आज विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक है।
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