Move to Jagran APP

Gupt Navratri 2021: गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें ये आरती

Gupt Navratri 2021 आज आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का पहला दिन है जो अभी 18 जुलाई तक रहेगी। नवरात्रों में दुर्गा मां की कृपा पाने के लिए पूजन का अंत अम्बे मां की आरती से करना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है अम्बे मां की आरती...

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 07:15 PM (IST)
Gupt Navratri 2021: गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें ये आरती
गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें ये आरती

Gupt Navratri 2021: आज आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का पहला दिन है, जो अभी 18 जुलाई तक रहेगी। नवरात्रों में दुर्गा मां और उनके विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता अनुसार चैत्र और अगहन के प्रकट नवरात्रों में नवदुर्गा की पूजा का विधान है। जबकी गुप्त नवरात्रों में दुर्गा मां की दस विद्या की पूजा करने का विशेष विधान है। वैसे तो गुप्त नवरात्रों पर दुर्गा मां की तंत्र पूजा की जाती है लेकिन गृहस्थ सामान्य तौर पर व्रत और संयम का पालन करके मां दुर्गा को प्रसन्न कर सकते हैं। नवरात्रों में दुर्गा मां की कृपा पाने के लिए पूजन का अंत अम्बे मां की आरती से करना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है अम्बे मां की आरती...

loksabha election banner

अम्बे मां की आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

तुम को निस दिन ध्यावत

मैयाजी को निस दिन ध्यावत

हरि ब्रह्मा शिवजी ।

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

माँग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को

उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे

रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी

सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती

कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर धाती

धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

चण्ड मुण्ड शोणित बीज हरे

मधु कैटभ दोउ मारे सुर भय दूर करे

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी

आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

चौंसठ योगिन गावत नृत्य करत भैरों

बाजत ताल मृदंग और बाजत डमरू

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता

भक्तन की दुख हर्ता सुख सम्पति कर्ता

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी

मन वाँछित फल पावत देवता नर नारी

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती

माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

माँ अम्बे की आरती जो कोई नर गावे

कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे

बोलो जय अम्बे गौरी ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.