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Sakat Chauth 2022: सकट चौथ को पूजा करने के समय न करें ये गलतियां

भगवान श्रीगणेश को पीला रंग अति प्रिय है। इसके लिए पूजा के दौरान पीले रंग का वस्त्र धारण करें। इस दिन भूलकर भी काले कपड़े न पहनें। सनातन धर्म में शुभ कार्य के दौरान काले कपड़े पहनने की मनाही है। अतः भूलकर भी काले कपड़े पहनने की गलती न करें।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 10:54 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 10:54 AM (IST)
Sakat Chauth 2022: सकट चौथ को पूजा करने के समय न करें ये गलतियां
Sakat Chauth 2022: सकट चौथ को पूजा करने के समय न करें ये गलतियां

Sakat Chauth 2022: आज सकट चौथ है। इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा-उपासना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ के दिन श्रद्धाभाव से विघ्नहर्ता गणेश जी पूजा करने से व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। साथ ही घर में सुख, शांति, समृद्धि और वैभव का आगमन होता है। हालांकि, सकट चौथ कई अन्य नियम भी हैं। इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। खासकर पूजा के समय भूलकर भी ये गलतियां न करें। आइए जानते हैं-

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-भगवान श्रीगणेश को पीला रंग अति प्रिय है। इसके लिए पूजा के दौरान पीले रंग का वस्त्र धारण करें। इस दिन भूलकर भी काले कपड़े न पहनें। सनातन धर्म में शुभ कार्य के दौरान काले कपड़े पहनने की मनाही है। अतः भूलकर भी काले कपड़े पहनने की गलती न करें।

-सनातन शास्त्रों में भगवान गणेश की सर्वप्रथम पूजा करने का विधान है, लेकिन गणेश जी को तुलसी दल भेंट करने की मनाही है। अतः सकट चौथ के दिन भूलकर भी गणेश जी को तुलसी दल अर्पित न करें। किदवंती है कि एक बार तुलसी जी विवाह प्रस्ताव लेकर गणेश जी के पास पहुंची थी, लेकिन गणेश जी ने विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इससे तुलसी जी रुष्ट हो गई थी। इस प्रस्ताव को लेकर दोनों के बीच वैचारिक मतभेद हो गया। उस समय भगवान गणेश ने उन्हें किसी दानव से तुलसी जी का विवाह होने का श्राप दे दिया। कालांतर से गणेश जी की पूजा में तुलसी दल उपयोग नहीं किया जाता है।

-अक्सर लोग घर में चूहों से परेशान रहते हैं। लोग परेशान होकर चूहों को सताने लगते हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। खासकर सकट चौथ के दिन चूहों को बिल्कुल न सताएं। ऐसा करने से गणेश जी रुष्ट हो जाते हैं। इस दिन चूहों को भोजन जरूर दें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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