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Dhanteras 2018: ऐसे करें धनतेरस पर सोने की खरीदारी और भगवान धन्वंतरि का पूजन

दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है, इस दिन सोने के आभूषण खरीदने का चलन है और शाम को धन्वंतरि के पूजन का विधान है। ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं इसकी विधि।

By Molly SethEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 02:26 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 03:42 PM (IST)
Dhanteras 2018: ऐसे करें धनतेरस पर सोने की खरीदारी और भगवान धन्वंतरि का पूजन
Dhanteras 2018: ऐसे करें धनतेरस पर सोने की खरीदारी और भगवान धन्वंतरि का पूजन

देखें पूजन का वीडियो 

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धनत्रयोदशी, यानि धन्वंतरि-पूजन 5 नवंबर, सोमवार को मान्य है। यह पर्व आमतौर पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का प्रथम दिन माना गया है, किन्तु विशेष रूप से इसका संबंध आयुर्वेद में भगवान धन्वंतरि से है। अमृत कलश लेकर भगवान शिव के तीसेर नेत्र से लोक कल्याण हेतु उत्पन्न धन्वंतरि की उत्पत्ति कार्तिक कृष्ण तेरस को हुई थी। इस वर्ष यह पर्व अति शुभ मुहूर्त में पड़ रहा है। सोमवार को हस्त नक्षत्र, विष्कुंभ-योग में सोमप्रदोष का दुर्लभ योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस योग को अमृतसिद्धि योग की श्रेणी में रखा गया है। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के प्रामाणिक देवता हैं। दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस पड़ता है, इस दिन सोने के आभूषण खरीदने का प्रचलन है। व्यक्ति अपनी क्षमतानुसार, स्टील के बर्तन या अपनी जरूरत के सामान भी खरीदते हैं। इस दिन शाम के समय भगवान धन्वंतरि के पूजन का विधान है। इस वीडियो में हम आपको बताएंगे क्यों और कैसे मनाया जाता है धनतेरस का यह त्योहार, देखें वीडियो: -   

इसलिए खरीदते हैं स्वर्ण आभूषण

आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म का बेहद महत्व है। भगवान धन्वंतरि को स्वर्ण भस्म प्रिय है। इस वजह से धनतेरस के दिन सोने के आभूषण खरीदने का प्रावधान है। स्वर्ण वस्तु या पात्र क्रय करने के संदर्भ में चरक-संहिता में इन शब्दों में प्रमाण प्राप्त होता है। “वय मनु स्वर्ण भस्म व्रते तव मनस्तनूषु वीभ्रत: धन्वंतरि सचेमहि।।” अर्थात् स्वर्ण-भस्म का सेवन हम सबको दीर्घायु सहित मन-तन (शरीर) आरोग्य प्रदान करता है। धन्वंतरि का सत्य वचन है। “ओजश्च्मे तनूश्च्में अंगानिचमें अस्थिनिचमें शरीराणि चम आयुशचमें जरा च में स्वरणेन कल्पताम।।” स्वर्ण-क्रय से शरीर सर्वांग, अस्थि में ओज, वृद्धावस्था को दूर करते हुए स्वर्ण के द्वारा मानव कल्प तक की आयु प्राप्त करता है।

इन बातों का रखें विशेष ध्‍यान 

धनतेरस को कोई वस्तु किसी को उधार ना दें। इस दिन बाजार से नए बर्तन वस्त्र आभूषण वाहन आदि लिये सकते हैं, और दीपावली के लिए लक्ष्मी, गणेश, और कुबेर की मूर्ति, के अलावा पूजन सामग्री, खील, लैय्या, गट्टा आदि की खरीदारी भी कर सकते हैं। ध्‍यान रखें धन का आगमन धनतेरस के दिन होना चाहिए, धन का गमन नहीं। मान्‍यता है इस दिन श्रद्धा पूर्वक कुबेर जी का पूजन करने से 100 भाग धन की वृद्धि होती है। इस दिन जो भी बर्तन खरीदकर लायें उस पर मौली बांधें। खील, लैय्या, गट्टा के साथ लक्ष्मी, गणेश, और कुबेर की मूर्ति स्थापित करें। शास्त्रों में कहा गया है कि कुबेर जिस पर प्रसन्न हो जाए उनकी समस्त प्रकार की भौतिक कामनाएं पूर्ण होती है, इसलिए कुबेर का पूजन अवश्‍य करना चाहिए।


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