Ganesha Ji Ki Aarti: पूजा करते समय जरूर पढ़ें श्रीगणेश जी की आरती
Ganesha Ji Ki Aarti आज बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। गणेश जी की पूजा करते समय उनके मंत्रों और चालीसा का जाप किया जाता है। इसके साथ ही उनकी आरती भी की जानी चाहिए। तो आइए पढ़ते हैं श्रीगणेश जी की आरती।
Ganesha Ji Ki Aarti: आज बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। श्रीगणेश, माता पार्वती और शिवशंकर के पुत्र हैं। इनकी पूजा सभी देवों में सर्वप्रथम की जाती है। इनका वाहन डिंक नामक मूषक है। गणेश जी को गणों का स्वामी कहा जाता है ऐसे में उनका एक नाम गणपति भी है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इन्हें केतु का देवता माना जाता है। संसार के साधनों के स्वामी श्री गणेशजी को माना गया है। इनका शीष हाथी जैसा है इसलिए इन्हें गजानन भी कहा जाता है। गणेश जी के कई नाम हैं लेकिन 12 नाम प्रमुख हैं। इनमें सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन शामिल है। विद्यारम्भ तथा विवाह के पूजन के प्रथम में इन नामों से ही गणपति की पूजा की जाती हैं।
गणेश जी की पूजा करते समय उनके मंत्रों और चालीसा का जाप किया जाता है। इसके साथ ही उनकी आरती भी की जानी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति पर भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है। तो आइए पढ़ते हैं श्रीगणेश जी की आरती।
श्रीगणेश जी की आरती:
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
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