Durga Saptashati: चैत्र नवरात्रि में इन 5 मनोकामनाओं की होगी पूर्ति, करें दुर्गा सप्तशती के 5 मंत्रों का जाप
Navratri 2020 Durga Saptashati Mantra आज चैत्र नवरात्रि के छठे दिन दुर्गा सप्तशती के कुछ मंत्रों का पाठ करके अपने मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं।
Navratri 2020 Durga Saptashati Mantra: मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ 25 मार्च दिन बुधवार से हो गया। आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। वहीं, नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। नवरात्रि में पूजा के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा आरती के अलावा दुर्गा सप्तशती का पाठ भी महत्वपूर्ण होता है। आज नवरात्रि के विशेष अवसर पर आप दुर्गा सप्तशती के कुछ मंत्रों का जाप करेंगे, तो उससे आपको माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
दुर्गा सप्तशती
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाता है। दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय और 30 सिद्ध सम्पुट मंत्र दिए गए हैं। हर मनोकामना के लिए अलग मंत्र है। मां दुर्गा की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करके आप अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में -
1. रोग नाश के लिए मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
2. आरोग्य एवं सौभाग्य का मंत्र
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
3. विपत्ति नाश और शुभता के लिए मंत्र
करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।
4. शक्ति प्राप्ति के लिए मंत्र
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।
5. अपने कल्याण के लिए मंत्र
सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।
6. रक्षा पाने के लिए मंत्र
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।
7. प्रसन्नता के लिए मंत्र
प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि।
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव।।
Maa Katyayani Aarti And Puja Mantra: आज करें मां कात्यायनी की आरती और इन मंत्रों का जाप
8. स्वर्ग और मोक्ष के लिए मंत्र
सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी।
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तय:।।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप जब भी इन मंत्रों का जाप करें तो मन को एकाग्र रखें और मंत्रों का सही उच्चारण करें।