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Budh Pradosh Vrat 2020: आज है वर्ष का पहला प्रदोष व्रत, ऐसे पूजा करने से मिलेगा सौभाग्य और सुख-शान्ति

Budh Pradosh Vrat 2020 पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 08 जनवरी दिन बुधवार को है। ऐसे में वर्ष 2020 का पहला प्रदोष व्रत बुधवार को है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 11:09 AM (IST)
Budh Pradosh Vrat 2020: आज है वर्ष का पहला प्रदोष व्रत, ऐसे पूजा करने से मिलेगा सौभाग्य और सुख-शान्ति
Budh Pradosh Vrat 2020: आज है वर्ष का पहला प्रदोष व्रत, ऐसे पूजा करने से मिलेगा सौभाग्य और सुख-शान्ति

Budh Pradosh Vrat 2020: हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 08 जनवरी दिन बुधवार को है। ऐसे में वर्ष 2020 का पहला प्रदोष व्रत बुधवार को है। बुधवार को पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना विधिपूर्वक करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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बुध प्रदोष व्रत का मुहूर्त

पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 08 जनवरी को सुबह 04:14 बजे से होगा, जो 09 जनवरी को तड़के 03:43 बजे तक रहेगा।

बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त दो घंटे 40 ​मिनट तक है। इसका प्रारंभ शाम को 05:17 बजे से शाम 07:57 बजे तक है।

बुध प्रदोष व्रत का लाभ

बुध प्रदोष व्रत करने पर भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उसके जीवन के सभी कष्टों, बाधाओं और संकटों का निवारण हो जाता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश जी के लिए समर्पित है, इस दिन उनके पिता भगवान शिव की आराधना करने से वे भी प्रसन्न होते हैं।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

त्रयोदशी तिथि की सुबह स्नान आदि से निवृत हो जाएं और देवों के देव महादेव को ध्यान करके प्रदोष व्रत का संकल्प करें। फिर आप दिनभर निराहार रहें। सूर्यास्त के बाद स्नान करें और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की तैयारी करें।

पूजा घर में उत्तर या पूर्व की दिशा में मुख करके बैठें और भगवान शिव की विधिपूर्वक आराधना करें। भगवान शिव को पुष्प, अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें। फिर गंगाजल से उनका जलाभिषेक करें। इसके बाद ऊं नम: शिवाय: मंत्र का जाप करें। फिर शिव चालीसा का पाठ कर अंत में आरती करें और परिजनों में प्रसाद बाटें।

हर प्रदोष व्रत का है अलग महत्व

बुध प्रदोष: बुधवार के पड़ने वाले प्रदोष व्रत से सभी कामनाओं का पूर्ति होती है।

गुरू प्रदोष: गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है।

शुक्र प्रदोष: शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से सौभाग्य प्राप्त होता है, साथ ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शान्ति रहती है।

शनि प्रदोष: शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है।

रवि प्रदोष: रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से आयु वृद्धि तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।

सोम प्रदोष: सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से आरोग्य के साथ सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

मंगल प्रदोष: मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है।


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