Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2021: संकष्टी चतुर्थी पर इस तरह करें गणपति बप्पा की विधि-विधान के साथ पूजा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2021 आज मार्च माह की आखिरी संकष्टी चतुर्थी है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि चतुर्थी तिथि गणेश को अत्याधिक प्रिय है ऐसे में इस तिथि पर गणेश जी की उपासना का महत्व बहुत ज्यादा है।
Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2021: आज मार्च माह की आखिरी संकष्टी चतुर्थी है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि चतुर्थी तिथि गणेश को अत्याधिक प्रिय है ऐसे में इस तिथि पर गणेश जी की उपासना का महत्व बहुत ज्यादा है। हर महीने में दो बार चतुर्थी तिथि आती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस तिथि को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भी कहा जा रहा है। इस दौरान गणेश जी की आरती, उनके मंत्र और चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा के साथ किया जाता है। आइए जानते हैं कैसे करें भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा।
कैसे करें भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा:
इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। फिर स्नानादि कर भगवान गणेश का ध्यान करना चाहिए और व्रत का संकल्प करना चाहिए। फिर एक चौकी लें और उस पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इस पर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रख दें। फिर पूरे स्थान पर गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र करें। इसके बाद गणेश जी को फूल की मदद से जल अर्पण करें। फिर उन्हें रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाएं। फिर लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद नारियल और भोग में मोदक चढ़ाएं। दक्षिणा अर्पित कर 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। फिर धूप, दीप और अगरबत्ती से गणपति बप्पा की आरती करें। आखिरी में निम्न मंत्र का जाप करें।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'