Basant Panchami 2019: पूजा में देवी सरस्वती के मंत्रों का करें जाप, प्रत्येक राशि के लिए है एक विशेष मंत्र
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा में उनके कुछ विशेष मत्रों का राशि अनुसार जाप करने से आपको बागेश्वरी का आर्शिवाद अवश्य मिलेगा।
विद्या आैर ज्ञान की देवी
मां सरस्वती की कृपा से ही विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति होती है। अत: छात्रों के लिए सरस्वती देवी के मंत्र बहुत फलदायी कहे गए हैं। इनके द्वारा सरस्वती साधना करने से साधक को स्मरण शक्ति, बुद्धि, विद्या और अच्छा स्वास्थ्य सभी कुछ प्राप्त होता है। विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा मे भाग लेने वाले व्यक्तियों को मां सरस्वती के कुछ मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।
एेसे करें पूजा
मां सरस्वती की पूजा उनकी प्रार्थना से प्रारंभ करें और नीचे दिये श्लोक के पाठ के साथ उन्हें प्रणाम करें। इसके बाद उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करते हुए धूप, दीप, पुष्प आैर नैवेद्य से उनका पूजन करें।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।
अर्थात हे कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की, और जो श्वेत वस्त्र धारण करने वाली, हे हाथ में वीणा-दण्ड से सुशोभित, श्वेत कमल आसन ग्रहण करने वाली, हे ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा सदा पूजित आैर सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली विद्या की देवी भगवती सरस्वती हमारी रक्षा करें।
राशि अनुसार मंत्र
साथ ही शिक्षा में सर्वोत्म स्थान आैर ज्ञान का आर्शिवाद पाने के लिए विद्यार्थी अपनी राशि के अनुसार इन मंत्रों का भी पाठ करें।
मेष राशि- ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नम:
वृषभ राशि- ॐ कौमुदी ज्ञानदायनी नम:
मिथुन राशि- ॐ मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नम:
कर्क राशि- ॐ मां चन्द्रिका दैव्यै नम:
सिंह राशि- ॐ मां कमलहास विकासिनी नम:
कन्या राशि- ॐ मां प्रणवनाद विकासिनी नम:
तुला राशि- ॐ मां हंससुवाहिनी नम:
वृश्चिक राशि- ॐ शारदै दैव्यै चंद्रकांति नम:
धनु राशि- ॐ जगती वीणावादिनी नम:
मकर राशि- ॐ बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नम:
कुंभ राशि- ॐ ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नम:
मीन राशि- ॐ वरदायिनी मां भारती नम:
इन मंत्रों का भी जाप है शुभ फलदायक
यदि आप को अपनी राशि की सही जानकारी नहीं है तो माता को धूप, दीप और नैवेद्य अर्पण करते हुए इन मंत्रों का जाप करने से भी लाभ होगा। शारदा शारदाभौम्वदना। वदनाम्बुजे। सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रिया तू। श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा। ऊं ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।, ये माता का मूल मंत्र है। मां सरस्वती के सरल मंत्र भी महत्वपूर्ण हैं इनका पाठ नित्य करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है। ये मंत्र इस प्रकार हैं ऊं ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा और ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।