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Ashunya Shayan Vrat 2019: आज करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, आपकी सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

Ashunya Shayan Vrat 2019 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को अशून्य शयन व्रत होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जल में निद्रा योग में चले जाते हैं।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 11:36 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 12:28 PM (IST)
Ashunya Shayan Vrat 2019: आज करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, आपकी सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण
Ashunya Shayan Vrat 2019: आज करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा, आपकी सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

Ashunya Shayan Vrat 2019: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को अशून्य शयन व्रत होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जल में योग निद्रा में चले जाते हैं। वह जल में योग निद्रा में होते हुए भी पूरी सृष्टि का ध्यान रखते हैं, इसलिए ही भगवान विष्णु के इस योग निद्रा को अशून्य शयन कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। भक्तों की आराधना से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर देते हैं। 

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ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि अशून्य शयन व्रत का प्रमाण पद्मपुराण में मिलता है। अशून्य शयन के समय भगवान विष्णु चंद्रमा के उदय होने के बाद जल में योग निद्रा में जाते है। आज चंद्रमा उदय का समय शाम को 06:40 बजे है, इसके बाद भगवान विष्णु जल में योग निद्रा में जाएंगे। 

भगवान श्रीहरि लगभग एक माह तक जल में ही निवास करते हैं। आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि यानी 15 अक्टूबर से कार्तिक पूर्णिमा यानी 12 नवंबर तक वे जल में ही शयन करेंगे। इस कारण से कार्तिक मास के स्नान का विशेष महत्व होता है। कार्तिक मास में नदी या सरोवर में स्नान मात्र से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।          

कार्तिक मास में लोग व्रत का संकल्प लेते हैं। स्नान आदि के बाद शाम को दीपदान किया जाता है। 

पूजा विधि

भगवान विष्णु की क्षीर सागर में माता लक्ष्मी के साथ वाली तस्वीर को पूजा स्थल पर स्थापित करें। फिर उनको जल, अक्षत्, गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। पूजा के दौरान विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। फिर भगवान विष्णु की आरती करें। पूजा के दौरान नीचे दिए गए मंत्र से आरती पूर्व विष्णु स्तुति जरूर करें।                

विष्णु स्तुति-मन्त्र 

अशून्य शयन व्रत में भगवान विष्णु की स्तुति का विशेष मंत्र होता है, जो नीचे दिया गया है।

गगनॉगण संदीप क्षीराब्धिमथनोद्भव।

भाभासिताअशून्यशयने विष्णु देवो नमोस्तुते।।    

पद्मपुराण-२/१४/१८७। अर्थात् पद्मपुराण का द्वितीय भाग, चौदहवाँ अध्याय, 187वाँ मन्त्र।  


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