चैत्र नवरात्रि में वाराणसी , पावागढ़ व पाटन स्थित इन देवी मंदिरों के दर्शन से पूरी होगी मनोकामना
नवरात्रि 2018 प्रारंभ होने वाले हैं इस अवसर पर संभव हो तो देवी के इन तीन मंदिरों में दर्शन करने का मौका जरूर निकालें
शैलपुत्री मंदिर, वाराणसी
वाराणसी के निकट देवी के शैलपुत्री रूप का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में नवरात्र के पहले दिन काफी भीड़ लगती है। एक मान्यता के अनुसार यहां पहले नवरात्र पर दर्शन करने से सर्वाधिक पुण्य मिलता है, इसीलिए नवरात्रि शुरू होने पर एक दिन पहले रात से मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी लाइन लग जाती है। मंदिर के बारे में एक कथा प्रचलित है कि एक बार महादेव से रुष्ट हो कर देवी यहां आ गईं और महादेव जब उन्हें मना कर लेने आये तो वो इस स्थान को छोड़ना नहीं चाहती थीं इसलिए वे इस स्थान पर शैलपुत्री रूप में स्थापित हो गईं।
पाटन देवी मंदिर
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले का एक क्षेत्र है तुलसीपुर जहां देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो देवी पाटन मंदिर कहलाता है। इन्हें पटेश्वरी माता भी कहते हैं। नवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत बड़ा मेला आयोजित होता है। ये मेला पूरे एक महीने तक चलता है।
पावागढ़ काली माता, गुजरात
गुजरात की प्राचीन राजधानी चंपारण के पास वडोदरा शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पावागढ़ की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है मां काली का मंदिर। यह मंदिर मां के शक्तिपीठों में से भी एक है, कहते हैं कि यहां मां के वक्षस्थल गिरे थे। इस मंदिर के नाम के पीछे भी एक कहानी है। कहते हैं कि इस दुर्गम पर्वत पर चढ़ाई करना लगभग असंभव काम था। चारों तरफ खाइयों से घिरे होने के कारण यहां हवा का वेग भी काफी तेज था, इसलिए इसे पावागढ़ अर्थात स्थान जहां पवन का वास हो। नवरात्रि के समय इस मंदिर में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ती है। लोगों की इनमें गहरी आस्था है। उनका मानना है कि यहां दर्शन करने के बाद मां उनकी हर मुराद पूरी कर देती है।