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Ratlam Mahalakshmi Temple: इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में मिलता है सोना-चांदी, जानें कैसे शुरू हुई परंपरा

Ratlam Mahalakshmi Temple भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी महत्व बहुत ज्यादा है। साथ ही कई महत्व ऐसे हैं जो बेहद अनोखे हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के माणक में है। यह मंदिर महालक्ष्मी को समर्पित है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 11:41 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 11:41 AM (IST)
Ratlam Mahalakshmi Temple: इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में मिलता है सोना-चांदी, जानें कैसे शुरू हुई परंपरा
Ratlam Mahalakshmi Temple: इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में मिलता है सोना-चांदी, जानें कैसे शुरू हुई परंपरा

Ratlam Mahalakshmi Temple: भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी महत्व बहुत ज्यादा है। साथ ही कई महत्व ऐसे हैं जो बेहद अनोखे हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के माणक में है। यह मंदिर महालक्ष्मी को समर्पित है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मंदिरों में भक्तेम के प्रसाद के तौर पर मिठाई या खाने की चीजें दी जाती हैं। लेकिन महालक्ष्मी के इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में गहने दिए जाते हैं। इस मंदिर में जो भक्त आता है उसे सोने-चांदी के सिक्के मिलते हैं। यहां पर हर वर्ष लाखों भक्त मां के दर्शन के लिए आते हैं।

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भक्तों को प्रसाद में मिलता है सोना-चांदी:

यहां पर जो भक्तजन आते हैं वो यहां पर जेवर और नकदी मां के चरणों में अर्पित करते हैं। धनतेरस से लेकर पांच दिन तक इस मंदिर में दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है। इन पांच दिनों में मां का श्रृंगार भक्तों द्वारा चढ़ाए गए गहनों और रुपयों से किया जाता है। दीपोत्सव के दौरान मंदिर में कुबेर का दरबार लगाया जाता है। इस दरबार में जो भक्त आते हैं उन्हें गहने और रुपये प्रसाद के तौर पर दिए जाते हैं। कहा जाता है कि दीपावली के दिन मंदिर के कपाट 24 घंटे खुल रहते हैं। धनतेरस के दिन यहां पर आने वाली महिला भक्तों को कुबेर की पोटली दी जाती है। इश मंदिर में जो भक्त आता है वो खाली हाथ नहीं लौटता है।

दशकों से है गहनें चढ़ाने की परंपरा:

कई दशकों से महालक्ष्मी के इस मंदिर में गहने और रुपये चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। कहा जाता है कि अपने राज्य की समृद्धि के लिए राजा यहां पर धन चढ़ाते थे। तब से लेकर अबह तक भक्त यहां जेवर, पैसे वगैरह चढ़ाते हैं। मान्यता है कि अगर ऐसा किया जाए तो इससे मां की कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ' 


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