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Nag Panchami 2019: सिर्फ नाग पंचमी को खुलता है यह मंदिर, पूजा के समय स्वयं उपस्थित रहते हैं नागराज तक्षक

Nag Panchami 2019 देशभर में नागों के कई मंदिर स्थापित हैं उनमें से ही एक है नागचंद्रेश्वर मंदिर। यह मंदिर सिर्फ नाग पंचमी को खुलता है।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 01:26 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 01:26 PM (IST)
Nag Panchami 2019: सिर्फ नाग पंचमी को खुलता है यह मंदिर, पूजा के समय स्वयं उपस्थित रहते हैं नागराज तक्षक
Nag Panchami 2019: सिर्फ नाग पंचमी को खुलता है यह मंदिर, पूजा के समय स्वयं उपस्थित रहते हैं नागराज तक्षक

Nag Panchami 2019: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है, इस दिन नागों की पूजा का विधान है। देशभर में नागों के कई मंदिर स्थापित हैं, उनमें से ही महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित है नागचंद्रेश्वर मंदिर। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसके कपाट सिर्फ नाग पंचमी के दिन यानी श्रावण शुक्ल पंचमी को खुलते हैं। यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण में ही स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन जब इस मंदिर के कपाट पूजा के लिए खोले जाते हैं तो नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में उपस्थित रहते हैं।

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मंदिर में है शिव-पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा

नागचंद्रेश्वर मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है। फन फैलाए नाग के आसन पर भगवान शिव और माता पार्वती विराजमान हैं। कहा जाता है कि नागचंद्रेश्वर मंदिर के अलावा दुनिया में कहीं भी भगवान शिव और माता पार्वती की ऐसी प्रतिमा देखने को नहीं मिलती है। एक अद्भुत बात ये हैं कि नाग शय्या पर हमेशा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को देखा जाता है, लेकिन इस मंदिर में दशमुखी नाग शय्या पर भगवान शिव और माता पार्वती अपने पुत्र गणेश जी के साथ विराजमान हैं।

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भगवान शिव से नागराज तक्षक को मिला था अमरत्व

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए नागराज तक्षक ने कठोर तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने तक्षक को अमरत्व प्रदान किया था। ऐसी मान्यता है कि अमरत्व का वरदान मिलने के बाद तक्षक ने शिवजी के सान्निध्य में वास करना शुरू कर दिया, इसीलिए इस मंदिर में बनी मूर्ती में शिव तक्षक के साथ स्थापित किए गए हैं।

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन मंदिर में पूजा करने से सर्पदोष से मुक्ति मिल जाती है।

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