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Mehandipur Balaji Mandir: मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का प्रसाद घर नहीं लाते, जानें मंदिर से जुड़ी विचित्र बातें

Mehandipur Balaji Mandir भूत-प्रेत की बाधाओं और नकारात्मक बुराइयों से बचने के लिए हर दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन होता है। यहां पर भैरवबाबा यानि कोतवाल कप्तान की मूर्ति है। यहीं पर आकर सभी को नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिलती है

By Ritesh SirajEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 10:21 AM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 10:37 AM (IST)
Mehandipur Balaji Mandir: मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का प्रसाद घर नहीं लाते, जानें मंदिर से जुड़ी विचित्र बातें
Mehandipur Balaji Mandir: मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का प्रसाद घर नहीं लाते, जानें मंदिर से जुड़ी विचित्र बातें

Mehandipur Balaji Mandir: भारत में अध्यात्म और धर्म को विशेष दर्जा प्राप्त है। भारत मंदिरों और धार्मिक कार्यों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। 21वीं सदी में भी भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे हुए हैं। सभी मंदिरों के पीछे कोई न कोई रोचक कहानी जुड़ी हुई है। इन सब में एक मंदिर मेंहदीपुर बालाजी है, जो राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यहां पर आपको विचित्र चीजें देखने को मिलेंगी, जिनसे आप डर भी सकते हैं। वैज्ञानिक भूत-प्रेत के अस्तित्व से इंकार करते हैं, लेकिन यहां का नजारा आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। यहां हर रोज दूर दराज से लोग भूत प्रेत की बाधा से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।

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मेंहदीपुर बालाजी की विशेष बातें

1. मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के किसी भी प्रसाद को खाने की मनाही है। यहां के प्रसाद को आप किसी को नहीं दे सकते हैं। इस प्रसाद को आप घर भी नहीं ले जा सकते हैं। ऐसी लोक मान्यता है कि आप यहां के किसी चीज को अगर घर लेकर जाते हैं, तो आपके ऊपर बुरी साया का असर आ जाता है।

2. मेंहदीपुर बालाजी के बायीं छाती में एक छोटा सा छेद है, जिसमें से लगातार जल बहता है। मान्यता है कि यह बालाजी का पसीना है।  

3. मेंहदीपुर बालाजी के समीप भगवान राम और माता सीता की मूर्ति है। हनुमान जी हमेशा उनके दर्शन करते रहते हैं। इस मंदिर में भगवान हनुमान बाल रूप में मौजूद हैं।

4. भूत-प्रेत की बाधाओं और नकारात्मक बुराइयों से बचने के लिए हर दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन होता है। यहां पर भैरवबाबा यानि कोतवाल कप्तान की मूर्ति है। यहीं पर आकर सभी को नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

5. मेंहदीपुर बालाजी मंदिर आने वाले सभी भक्तों के लिए एक कड़ा नियम है, जिसमें कम से कम एक सप्ताह तक अण्डा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन बंद करना पड़ता है। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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