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Maa Shakhambari Shaktipeeth: आज शाकम्भरी पूर्णिमा के दिन जानें कहां हैं मां का तीसरा शक्तिपीठ

Maa Shakhambari Third Shaktipeeth आज शाकम्भरी नवरात्रि का आखिरी दिन है। आज के दिन शाकम्भरी माता की पूजा की जाती है। इस दिन को शाकम्भरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शाकम्भरी माता देवी भगवती का अवतार हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 11:30 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 01:47 PM (IST)
Maa Shakhambari Shaktipeeth: आज शाकम्भरी पूर्णिमा के दिन जानें कहां हैं मां का तीसरा शक्तिपीठ
Maa Shakhambari Shaktipeeth: आज शाकम्भरी पूर्णिमा के दिन जानें कहां हैं मां का तीसरा शक्तिपीठ

Maa Shakhambari Third Shaktipeeth: आज शाकम्भरी नवरात्रि का आखिरी दिन है। आज के दिन शाकम्भरी माता की पूजा की जाती है। इस दिन को शाकम्भरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शाकम्भरी माता देवी भगवती का अवतार हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी भगवती ने पृथ्वी पर अकाल और गंभीर खाद्य संकट को कम करने के लिए शाकम्भरी मां का अवतार लिया था। दुर्गा मां के इस अवतार को सब्जियों, फलों और हरी पत्तियों की देवी के रूप में भी जाना जाता है। माता शाकम्भरी के तीन शक्तिपीठ मौजूद हैं जिनमें से दो के बारे में हम आपको पहले बता चुके हैं। इस लेख में हम आपको तीसरे शक्तिपीठ के बारे में बता रहे हैं।

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मां शाकम्भरी का तीसरा शक्तिपीठ उत्तरप्रदेश के मेरठ के पास सहारनपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर माता शाकम्भरी देवी के साथ-साथ भीमा देवी, भ्रामरी देवी व शताक्षी देवी की प्रतिमाएं भी प्रतिष्ठित हैं। कस्बा बेहट से शाकम्भरी देवी का मंदिर 15 किलोमीटर दूर है। मान्यता है कि यहां पर मां शाकम्भरी कल-कल बहती नदी की जल धारा, ऊंचे पहाड़ और जंगलों के बीच विराजती हैं। यहां दूर-दूर से भक्त मां के दर्शन करने आते हैं।

ऐसा माना जाता है कि जो भक्त शाकम्भरी देवी की आराधना करते हैं उनके घर में हमेशा अन्न का भंडार भरा रहता है। मां अपने को धन-धान्य से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। यह शिवालिक पर्वत श्रेणी में मां शाकम्भरी देवी का प्रख्यात तीर्थस्थल है। यहां पर भी भक्तों का तांता हमेशा लगा रहता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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