Move to Jagran APP

ऐसा है भगवान बाहुबली का स्‍थान श्रवणबेलगोला

रविवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के पास श्रवणबेलगोला में लाखों लोगों की मौजूदगी में भगवान बाहुबली का पहला महामस्तकाभिषेक हुआ।

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 19 Feb 2018 02:59 PM (IST)
ऐसा है भगवान बाहुबली का स्‍थान श्रवणबेलगोला
ऐसा है भगवान बाहुबली का स्‍थान श्रवणबेलगोला

कौन हैं भगवान बाहुबली

loksabha election banner

बाहुबली प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र थे। अपने बड़े भाई भरत चक्रवर्ती से युद्ध के बाद वह मुनि बन गए। उन्होंने एक वर्ष तक कायोत्सर्ग मुद्रा में ध्यान किया। जिसके पश्चात् उन्हें केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह केवली कहलाए। हाल ही में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से लगभग 150 किमी दूर श्रवणबेलगोला में उनका प्रथम महामस्‍तिकाभिषेक हुआ। जैन तीर्थंकरों के विभिन्‍न स्‍थानों पर प्रति 12 वर्ष पर होने वाले इस महा आयोजन का इंतजार सभी जैन धर्मावलंबियों को रहता है। 

श्रवणबेलगोला के बाहुबली

बाहुबली को गोम्मटेश भी कहा जाता है, जो गोम्मतेश्वर मूर्ति के कारण पड़ा। यह मूर्ति 57 फीट की है। यह मूर्ति श्रवणबेलगोला, कर्नाटक, भारत में स्थित है। श्रवणवेलगोल हासन जिला में स्थित एक शहर है। यह बंगलुरु से 158 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध जैन तीर्थ है। कन्नड़ में 'वेल' का अर्थ होता है श्वेत, 'गोल' का अर्थ होता है सरोवर। शहर के मध्य में एक सुंदर श्वेत सरोवर के कारण यहां का नाम बेलगोला और फ़िर श्रवणबेलगोला पड़ा। यह स्थान विंध्यगिरि और चंद्रगिरि के मध्य स्थित है। विंध्यगिरि पर 7 तथा चंद्रगिरि पर 14 जैन मंदिर हैं। एक श्री बाहुबली स्वामी का मंदिर है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.