नयना देवी: देवी के इस सिद्धपीठ मंदिर में गिरे थे मां के नयन
हिन्दू धर्म के अनुसार जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे, वहां वहां शक्ति पीठ बन गईं और ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। इस क्रम में आज चलें नयना देवी।
देवी की शक्तिपीठ
हिमाचल प्रदेश में पंचकूला का नयना देवी शक्तिपीठ भी पूरीदुनिया में विख्यात है। यहा देवी की प्रतिमा एक गुफा में स्थित है। कहा जाता है कि यहां देवी सती का एक नयन गिरा था। सती के नेत्र गिरने के कारण ही ये स्थान शक्तिपीठ बना था। मंदिर में पीपल का पेड़ मुख्य आकषर्ण का केन्द्र है जो कि कई शताब्दी पुराना बताया जाता है। मंदिर के मुख्य द्वार के दाई ओर भगवान गणेश और हनुमान कि मूर्ति है। मुख्य द्वार के पार करने के पश्चात आपको दो शेर की प्रतिमाएं दिखाई देंगी। शेर माता का वाहन माना जाता है। मंदिर के गर्भ ग्रह में मुख्य तीन मूर्तियां है। दाई तरफ माता काली की, मध्य में नैना देवी की और बाई ओर भगवान गणेश की प्रतिमा है।
श्रद्धालुओं का मनपसंद स्थान
मंदिर के पास ही में पवित्र जल का तालाब है। वहीं एक गुफा है जिसे नैना देवी गुफा के नाम से जाना जाता है। नैना देवी मंदिर में नवरात्रि का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। वर्ष में आने वाली दोनो नवरात्रि, चैत्र मास और अश्िवन मास के नवरात्रि में यहां पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आकर माता नैना देवी की कृपा प्राप्त करते है। माता को भोग के रूप में छप्पन प्रकार कि वस्तुओं का भोग लगाया जाता है। श्रावण अष्टमी को यहा पर भव्य व आकषर्क मेले का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि में आने वाले श्रद्धालुओं कि संख्या दोगुनी हो जाती है।