Move to Jagran APP

Chhath Puja 2018: आैरंगाबाद के देआे सूर्य मंदिर में धूमधाम से लगता है छठ का मेला

Chhath Puja 2018 पर जानिए बिहार के प्रसिद्घ सूर्य मंदिर के बारे में जहां इस अवसर पर जबरदस्त मेले का आयोजन होता है

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 05:22 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 11:50 PM (IST)
Chhath Puja 2018: आैरंगाबाद के देआे सूर्य मंदिर में धूमधाम से लगता है छठ का मेला
Chhath Puja 2018: आैरंगाबाद के देआे सूर्य मंदिर में धूमधाम से लगता है छठ का मेला

विश्वकर्मा ने बनाया था मंदिर

loksabha election banner

यूं तो देश में भगवान सूर्य के गई प्रख्यात मंदिर है, सभी का अपना महत्व हैं, लेकिन बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित देव सूर्य मंदिर का अपना इतिहास है। मंदिर को लेकर कई किंवदंतियां सुनने में आती है। कहते हैं इस सूर्य मंदिर को ध्वस्त करने की योजना औरंगजेब ने बनाई थी, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी थी। छठ पर्व के दौरान यहां भव्य मेला लगता है। औरंगाबाद से 18 किलोमिटर दूर देव स्थित सूर्य मंदिर करीब सौ फीट ऊंचा है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण त्रेता युग में स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने किया था। देव सूर्य मंदिर देश की धरोहर एवं अनूठी विरासत है। हर साल छठ पर्व पर यहां लाखों श्रद्धालु छठ करने झारखंड, उतरप्रदेश समेत कई राज्यों से आते हैं। कहा जाता है तो जो भक्त मन से इस मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 

अयोध्या के निर्वासित राजा ने बनवाया 

कथा है कि सतयुग में अयोध्या के निर्वासित राजा ऐल एक बार देव इलाके के जंगल में शिकार खेलने गए थे। वे किसी ऋषि के श्रापवश श्वेत कुष्ठ से पीड़ित थे। वे देव के वन में राह भटक गए। राह भटकते भूखे-प्यासे राजा को एक छोटा सा सरोवर दिखाई दिया जिसके किनारे वह पानी पीने गए और अंजुरी में जल भर कर पीया जिससे उनका श्वेत कुष्ठ ठीक हो गया। उन्होंने बताया कि वही सरोवर आज सूर्यकुंड के रूप में जाना जाता है। उसी रात जब राजा रात में सोए हुए थे तो उन्हें सपना आया कि जिस गड्ढे में उनका कुष्ठ ठीक हुआ था, उसमें ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की तीन मूर्ति हैं। इसके बाद राजा ने मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करके स्थापना की आैर मंदिर बनवाया। 

तीन स्वरूपों में भगवान सूर्य 

देव सूर्य मंदिर में छठ करने का अलग महत्व है। यहां भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विराजमान है। देव मंदिर में सात रथों से सूर्य की उत्कीर्ण प्रस्तर मूर्तियां अपने तीनों रूपों उदयाचल (प्रात:) सूर्य, मध्याचल (दोपहर) सूर्य, और अस्ताचल (अस्त) सूर्य के रूप में विद्यमान है। पूरे देश में यही एकमात्र सूर्य मंदिर है जो पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान सूर्य, ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के रूप में विराजमान है। मंदिर में स्थापित प्रतिमा काफी प्राचीन है। मंदिर का सर्वाधिक आकर्षक भाग गर्भगृह के ऊपर बना गुंबद है जिस पर चढ़ पाना असंभव है। गर्भगृह के मुख्य द्वार पर बायीं ओर भगवान सूर्य की प्रतिमा है और दायीं ओर भगवान शंकर के गोद में बैठी प्रतिमा है। ऐसी प्रतिमा सूर्य के अन्य मंदिरों में देखने को नहीं मिलती है। गर्भ गृह में रथ पर बैठे भगवान सूर्य की भी एक अदभुत प्रतिमा है। मंदिर में दर्शन को ले श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। 

छठ पर लगता है मेला 

छठ के दौरान मंदिर के प्रति लोगों की विशेष आस्था होती है। इस अवसर पर विशाल मेला लगता है। यहां पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के प्रयास से प्रत्येक वर्ष सूर्य अचला सप्तमी को महोत्सव का भी आयोजन होता है। देव सूर्य मंदिर अपनी शिल्पकला एवं मनोरमा छटा के लिए प्रख्यात है। कार्तिक एवं चैत में छठ करने कई राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। इस अवसर पर सूर्यकुंड तालाब का विशेष महत्व है। छठ मेले के समय देव का कस्बा लघु कुंभ बन जाता है। छठ गीत से देव गुंजायमान हो उठता है। 

टूटा आैरंगजेब का घमंड 

कहा जाता है कि औरंगजेब अपने शासनकाल में अनेक मूर्तियों एवं मंदिरों को ध्वस्त करते हुए देव भी पहुंचा। वह मंदिर तोडऩे की योजना बना रहा था कि लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। लोगों ने ऐसा करने से मना किया परंतु वह इससे सहमत नहीं हुआ। एक किंवदंती के अनुसार औरंगजेब ने कहा कि अगर तुम्हारे देवता में इतनी ही ताकत है तो मंदिर का द्वार पूरब से पश्चिम कर दें। ऐसा होने पर उसने छोड़ देने की घोषणा की। कहते हैं कि दूसरे दिन सुबह जब लोगों ने देखा तो मंदिर का प्रवेश द्वार पूरब से पश्चिम हो गया था। इसके बाद औरंगाबाद ने मंदिर तोडऩे का इरादा बदल दिया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.