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Nag Panchami Sawan 2021: नाग पंचमी पर इस मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होता है काल सर्पदोष

Nag Panchami Sawan 2021 देश में नाग देवता का एक प्रसिद्ध मंदिर ऐसा भी है जो साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन खुलता है। मान्यता है कि इस दिन इस मंदिर में दर्शन मात्र से काल सर्प दोष का निवारण हो जाता है।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 03:35 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 03:35 PM (IST)
Nag Panchami Sawan 2021: नाग पंचमी पर इस मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होता है काल सर्पदोष
नाग पंचमी पर इस मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होता है काल सर्पदोष

Nag Panchami Sawan 2021: हिंदू धर्म तथा भारतीय संस्कृति में सर्पों और नागों की पूजा का प्रचीन काल से ही प्रचलन है। स्वयं भगवान शिव नाग वासुकी को अपने गले में धारण करते हैं तो भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर विराजमान होते हैं। इसी कारण देश में नाग देवताओं के अनेकों प्रसिद्ध मंदिर हैं और नाग देवता की पूजा के लिए विशेष रूप से उत्तर भारत में नाग पंचमी और दक्षिण भारत में नागल चैथी का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इन मंदिरों में से नाग देवता का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन खुलता है। मान्यता है कि इस दिन इस मंदिर में दर्शन मात्र काल सर्प दोष का निवारण हो जाता है।आइए जानते हैं इस मंदिर और इसके महात्म के बारे में...

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उज्जैन का नाग चंद्रेश्वर मंदिर

महाकाल की नगरी उज्जैन, भोलेनाथ के महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग के लिए तो प्रसिद्ध है ही। सावन के महीने में यहां महकाल का दर्शन करने और उनका आशीर्वाद पाने वालों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन इसके आलावा भी यहां एक ऐसा मंदिर भी है जो साल में केवल एक बार सावन की नागपंचमी के दिन ही खुलता है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से ही कुण्डली में व्याप्त काल सर्प दोष का निवारण हो जाता है। वो मंदिर है नाग चंद्रेश्वर मंदिर। इस मंदिर में भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमा नाग तक्षक की छाया में विराजमान है।

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता है कि यहां पर तक्षक नाग ने भगवान शिव की तपस्या कर अमरत्व का वरदान प्राप्त किया था। तब से वो यहां पर भगवान शिव और पार्वती को आपनी छाया में रखते है। यह मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर के ऊपरी प्रकोष्ठ में बना हुआ है, जो कि साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। मान्यता है कि इस दिन नाग तक्षक स्वयं मंदिर में आते है और दर्शन करने वाले के काल सर्प दोष का निवारण करते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

 


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