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इस मंदिर में भगवान के सिर्फ मुख की पूजा की जाती है

रुद्रनाथ मन्दिर उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित शिव का एक मन्दिर है जो कि पंचकेदार में से एक है। इस मंदिर में सिर्फ मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा काठमांडू के पशुपतिनाथ में की जाती है

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 14 May 2016 11:52 AM (IST)Updated: Fri, 11 Aug 2017 10:35 AM (IST)
इस मंदिर में भगवान के सिर्फ मुख की पूजा की जाती है
इस मंदिर में भगवान के सिर्फ मुख की पूजा की जाती है

रुद्रनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित भगवान शिव का एक मन्दिर है जो कि पंचकेदार में से एक है। इस मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि सिर्फ मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ में की जाती है।

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पंच केदारों में चौथा केदार रुद्रनाथ मंदिर है। यह मंदिर विशाल प्राकृतिक गुफा बना है, जहां शिव की दुर्लभ पाषाण मूर्ति है। यहां शिवजी की गर्दन थोड़ी झुकी हुई है। मान्यता है कि शिव की यह दुर्लभ मूर्ति स्वयंभू है। मंदिर के पास वैतरणी कुंड में शक्ति के रूप में पूजी जाने वाली शेषशायी विष्णु जी की मूर्ति भी है। मंदिर के एक ओर पांच पांडव, कुंती, द्रौपदी के साथ ही छोटे-छोटे मंदिर मौजूद हैं।

मंदिर में प्रवेश करने से पहले नारद कुंड है जिसमें यात्री स्नान करके अपनी थकान मिटाता है और उसी के बाद मंदिर के दर्शन करने पहुंचता है। रुद्रनाथ का समूचा परिवेश इतना अलौकिक है कि यहां के सौदर्य को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।

यूं तो मंदिर समिति के पुजारी यात्रियों की हर संभव मदद की कोशिश करते हैं। लेकिन यहां खाने-पीने और रहने की व्यवस्था स्वयं करनी पडती है। जैसे कि रात में रुकने के लिए टेंट हो और खाने के लिए डिब्बाबंद भोजन या अन्य चीजें। रुद्रनाथ के कपाट परंपरा के अनुसार खुलते-बंद होते हैं।

शीतकाल में 6 माह के लिए रुद्रनाथ की गद्दी गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में लाई जाती है जहां पर शीतकाल के दौरान रुद्रनाथ की पूजा होती है। आप जिस हद तक प्रकृति की खूबसूरती का अंदाजा लगा सकते है, यकीन मानिए यह जगह उससे ज्यादा खूबसूरत है।

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