Gobar Ganesh Mandir: ऐतिहासिक गोबर गणेश मंदिर, जहां दर्शन मात्र से दूर होती है धन संबंधी समस्या
Gobar Ganesh Mandir गोबर गणेश मंदिर की खास बात है कि यहां पर 12 साल से अखंड ज्योति भी जल रही है। रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करीब 250 साल पहले इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
Gobar Ganesh Mandir: बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। देश भर में गणेश भगवान के लाखों मंदिर हैं। सभी मंदिर की कुछ न कुछ खास बात है परंतु आज हम ऐसे मंदिर की बात करेंगे, जिसके बारे में लोग कम ही जानते होंगे। आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के गोबर गणेश मंदिर की। यहां पर हजारों श्रद्धालु रोज भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर की कुछ विशेषताएं हैं, जिसका हम आज आपके साथ विस्तार से वर्णन करेंगे।
900 साल का ऐतिहासिक मंदिर
मध्य प्रदेश के महेश्वर नामक जगह पर यह मंदिर स्थित है। ऐतिहासिक तौर पर इसे 900 साल पुराना माना जाता है। इस मंदिर की खास बात है कि भगवान गणेश की मूर्ति गोबर की है, इसीलिए इसको गोबर गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है।
मंदिर का आकार है हैरान करने वाला
मंदिर के बाहरी आकर को देखकर आपको हैरानी होगी। मंदिर का एक बाहरी भाग किसी मस्जिद के गुंबद की तरह दिखाई देता है। यहां के लोगों का मानना है कि औरंगजेब के शासन काल में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने का प्रयास किया गया था। हालांकि मंदिर के अंदर का भाग लक्ष्मी यंत्र की तरह है।
अखंड ज्योति
गोबर गणेश मंदिर की खास बात है कि यहां पर 12 साल से अखंड ज्योति भी जल रही है। अहिल्याबाई होल्कर ने करीब 250 साल पहले इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
स्वास्तिक का महत्व
भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए इस मंदिर में उल्टा स्वास्तिक बनाकर लगाते हैं। मनोकामना पूर्ण होने के बाद इस स्वास्तिक को सीधा कर देते हैं।
प्रतिमा में है खास बात
मान्यता है कि गणेश की प्रतिमा में पंचतत्वों का वास है। गोबर में महालक्ष्मी का वास माना जाता है। मंदिर में भगवान गणेश के साथ उनकी पत्नियां रिद्धि और सिद्धि के दर्शन भी हो जाते हैं, इसीलिए मंदिर में दर्शन करने से धन की समस्या खत्म हो जाती है।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'