जानें देवी के 4 स्वरूपों के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में
वैसे तो देवी का हर रूप वंदनीय है परंतु उनके 4 रूपों की प्रमुख रूप से आराधना की जाती है। आइये जाने उनके इन्हीं रूपों के चर्चित मंदिरों के बारे में।
ज्वाला देवी मंदिर
हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधार पहाड़ी के बीच ज्वाला देवी का मंदिर स्थित है। मां ज्वाला देवी तीर्थ स्थल को देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माना जाता है। शक्तिपीठ वह स्थान कहलाते हैं जहां-जहां भगवान विष्णु के चक्र से कटकर माता सती के अंग गिरे थे। शास्त्रों के अनुसार ज्वाला देवी में देवी सती की जिह्वा गिरी थी।
वारंगल श्री विद्या सरस्वती मंदिर
यहां हंस वाहिनी विद्या सरस्वती मंदिर में माता सरस्वती की पूजा की जाती है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के मेंढक जिले के वारंगल में स्थित है। कांची शंकर मठ मंदिर का रखरखाव करता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, वेल्लूर
तमिलनाडु राज्य के खास शहर वेल्लूर से 7 किलोमीटर दूर थिरुमलाई कोड़ी में यह स्वर्ण मंदिर स्थित है। इस मंदिर को बनने में करीब 7 साल लगे, और येलगभग 100 एकड़ भूमि पर बना हुआ है। महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण में तक़रीबन 15,000 किलोग्राम विशुद्ध सोने का इस्तेमाल हुआ है। 24 अगस्त 2007 को यह मंदिर दर्शन के लिए खोला गया था।
पार्वती तुकेश्वर महादेव मंदिर
मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले का पार्वती तुकेश्वर महादेव मंदिर अत्यंत प्राचीन मंदिर है। हालांकि यह शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है, किंतु वास्तव में यह माता पार्वती का दुर्लभ मंदिर है। महादेव प्रिय पत्नी पार्वती जी के मंदिरों की संख्या देशभर में ना के बराबर है, ऐसे में इस मंदिर का महत्व काफी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में माता पार्वती, श्री गणेश और महादेव के एक साथ दर्शन से पारिवारिक जीवन में कलह से मुक्ति और दांपत्य सुख प्राप्त होते हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है मां पार्वती की सफेद संगमरमर की प्रतिमा। इसके एक हाथ में कलश है और गोद में स्तनपान कर रहे बाल गणेशजी हैं, जबकि ठीक सामने शिवजी लिंगस्वरूप में स्थापित हैं।