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Dussehra 2020: यहां लोग करते हैं रावण की पूजा, औरतें करती हैं रावण से घूंघट

Dussehra 2020 आज दशहरा का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जा रहा है। इस दिन हर जगह रावण दहन किया जाता है। आज नवरात्रि का समापन हो गया है। इस बार महाष्टमी और महानवमी तिथि एक साथ पड़ी थी।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:13 AM (IST)
Dussehra 2020: यहां लोग करते हैं रावण की पूजा, औरतें करती हैं रावण से घूंघट
Dussehra 2020: यहां लोग करते हैं रावण की पूजा, औरतें करती हैं रावण से घूंघट

Dussehra 2020: आज दशहरा का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जा रहा है। इस दिन हर जगह रावण दहन किया जाता है। आज नवरात्रि का समापन हो गया है। इस बार महाष्टमी और महानवमी तिथि एक साथ पड़ी थी। बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न में ही दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। हिंदू पचांग के अनुसार, दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। लेकिन एक ऐसी भी जगह है जहां रावण की पूजा की जाती है। इस जगह का नाम है मंदसौर। आइए जानते हैं इस प्रथा के बारे में।

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मंदसौर मध्य प्रदेश का एक शहर है। यहां पर रावण की पूजा की जाती है। पहले के समय में मंदसौर, दशपुर के नाम से जाना जाता था। पौराणिक कथाओं या मान्यताओं के अनुसार, मंदसौर रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था। यही कराण है कि यहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं और ऐसे में यहां पर रावण की पूजा पूरे वर्ष की जाती है।

मंदसौर शहर में नामदेव समाज के लोग रहते हैं। ये लोग मंदोदरी को उनके वंश की बेटी मानते हैं। यही कारण है कि रावण को दामाद मान जाता है और पूरा सम्मान दिया जाता है। सिर्फ यही नहीं, मंदसौर में रावण की एक विशाल प्रतिमा भी स्थित है। यहां पर लोग रावण की पूजा करते हैं। यह प्रतिमा 41 फीसद ऊंची हैं। मान्यता है कि यह प्रतिमा 400 वर्ष पुरानी है।

जैसा कि हमने आपको बताया कि यहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं और इसी के चलते यहां की औरतें रावण से घूंघट करती हैं। यहां पर संतान प्राप्ति के लिए भी पूजा की जाती है। दशहरे के दिन लोग खूब ढोल-बाजों के साथ रावण की पूजा करेत हैं। फिर राम और रावण की सेनाएं निकलती हैं। इसके बाद रावण का दहन किया जाता है। लेकिन दहन से पहले ही लोग रावण से क्षमा मांगते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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