पूरी दुनिया में एक ही है ज्ञान के देवता देवगुरू बृहस्पति का मंदिर
हालांकि बृहस्पतिवार को लोग विष्णु भगवान की पूजा करते हैं पर वास्तव में ये दिन देवगुरू बृहस्पति को समर्पित है।
एक ही मंदिर
तकनीकी रूप से बृहस्पति जी को देवता नहीं कहा जाता और इसीलिए उनके ज्यादा मंदिर नहीं हैं, परंतु बृहस्पतिवार को उन्हीं के पूजा के निमित्त किया गया है और इसी कारण इस दिन को गुरूवार भी कहा जाता है क्योंकि बृहस्पति देवों के गुरू भी हैं। पूरी दुनिया में उनका एकमात्र मंदिर जयपुर में है जिसका निर्माण 2009 में पूरा हुआ है। कहते हैं यदि कुंडली में सारे ग्रह खराब खराब हो किंतु बृहस्पति शुभ हो तो किसी भी दोष का निवारण संभव है।
मात्र 45 दिनों में तैयार हुआ मंदिर
जयपुर के महारानी फार्म में बना बृहस्पति धाम यूं तो काफी लंबे अर्से से प्रस्तावित था पर कभी धन और कभी दूसरी समस्याओं के चलते अटका हुआ था पर 2009 में जब इसका निर्माण शुरू हुआ तो महज 45 दिनों के अंदर मंदिर का कार्य पूरा करके उसमें देवगुरू बृहस्पति की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। तब से इस मंदिर में देश विदेश से सैंकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में बृहस्पति जी की शुद्ध सोने की प्रतिमा स्थापित है।